रिश्वत मामला: EPFO क्षेत्रीय आयुक्त ने असेसमेंट रिपोर्ट खारिज कर जारी किया था नोटिस, फिर शुरू हुआ खेल

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
सोलन। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 10 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) बद्दी कार्यालय के क्षेत्रीय आयुक्त हिसार के रवि आनंद, प्रवर्तन अधिकारी बिलासपुर निवासी मदन लाल भट्टी और प्राइवेट कंसल्टेंट संजय कुमार निवासी बिहार को गिरफ्तार किया है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के परवाणू में केमिकल उद्योग में कुछ साल पहले आग लग गई थी, जिसमें कंपनी का सामान तो जल गया था, लेकिन रिकाॅर्ड बच गया था।

ईपीएफओ के प्रवर्तन अधिकारी (ईओ) ने कंपनी में जाकर पीएफ मामले की असेसमेंट की और मामले अपने स्तर पर सुलझा दिया, लेकिन ईपीएफओ के रीजनल कमिश्नर ने कंपनी को 7ए का नोटिस जारी कर दिया। 7ए लगने का अर्थ है कि विभाग असेसमेंट से संतुष्ट नहीं है। कंपनी के मालिक प्रवर्तन अधिकारी के पास गए और बीच का रास्ता खोजने को सलाह ली। ईओ ने निजी कंसल्टेंट हायर करने की बात कही। बताया कि निजी कंसल्टेंट ही मामले को सेटल कर सकता है।

कंपनी संचालक साथ-साथ रिकॉर्डिंग करता रहा

कंपनी संचालक साकंपनी संचालक साथ-साथ रिकॉर्डिंग करता रहाथ-साथ रिकॉर्डिंग करता रहा और किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। अधिकारी के कहने पर उसने कंसल्टेंट से संपर्क किया। कंसल्टेंट ने कंपनी संचालक को नए सिरे से फर्जी रिकाॅर्ड तैयार करने की बात कही। कंसल्टेंट ने कंपनी संचालक को आश्वासन दिया कि फर्जी रिकॉर्ड ही एक मात्र इसका रास्ता है और बदले में उसे 10 लाख रुपये देने होंगे।

निजी सलाहकार का फोन भी कब्जे में लिया

सीबीआई ने निजी सलाहकार का फोन भी अपने कब्जे में ले लिया है। फोन के माध्यम से सारी डील हुई है। बद्दी में तीन हजार कंपनियां हैं। कंपनियों में पीएफ के मामले ऐसे आते रहते हैं। गिरफ्तारी से और मामले उजागर होने का भी पता चल सकता है।

विभाग अब नए सिरे से करेगा असेसमेंट

निजी कंपनी को अपनी फर्म की पीएफ असेसमेंट भी करानी पड़ेगी। असेसमेंट में हेराफेरी होने पर सहायक आयुक्त ने रिजेक्ट की थी। अब विभाग भी संबंधित कंपनी के पीएफ के मामले का बारीकी से जांच होगी।
 
कंपनी संचालक ने अब तक कई पकड़वाए

कंपनी संचालक इससे पहले ईएसआईसी के शाखा प्रबंधक व बीमा कंपनी के सर्वेयर को भी भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार करवा चुका है। ईएसआई का शाखा अधिकारी भी रिश्वत की मांग कर रहा था। वहीं, बीमा कंपनी के सर्वेयर भी क्लेम बढ़ाने के लिए पैसे मांगने पर पकड़वाया था।

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