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शिमला। जलशक्ति विभाग में 12 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके 184 जलरक्षकों को अब पंप अटेंडेंट के पद पर प्रमोट किया जाएगा। विभाग ने यह फैसला अनुबंध अवधि पूरी होने के बाद किया है। अब ये कर्मचारी दो साल की सेवा पूरी करने के बाद स्थायी हो जाएंगे और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतन और भत्तों का लाभ उठा सकेंगे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जलरक्षकों के लिए 12 साल की अनुबंध अवधि तय की है। इस अवधि को पूरा करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाता है। इस बार प्रदेश के विभिन्न जिलों से 184 कर्मचारियों ने यह अवधि पूरी कर ली है। जलरक्षक लंबे समय से 60-40 के वेतन कोटे को खत्म करने और खुद को पूरी तरह से जलशक्ति विभाग के अधीन करने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में इन कर्मचारियों को 5400 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है, जिसमें 60 प्रतिशत विभाग द्वारा और 40 प्रतिशत पंचायतों द्वारा दिया जाता है।
भविष्य में नियमित होंगे अधिक कर्मचारी
जलशक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने बताया कि विभाग ने जिन कर्मचारियों ने 12 साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें पंप अटेंडेंट के रूप में प्रमोट कर दिया है। इसके साथ ही जलरक्षक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रूप लाल उर्फ जवालू राम ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जलरक्षकों को 12 साल की अवधि पूरी होने पर ही नियमित किया जा रहा है, जिसे कम करने की मांग की जा रही है।
उपमुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सभी कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि कठिन समय का सामना करने वाले कर्मचारियों का भविष्य अब उज्ज्वल होगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को नियमित करने के लिए दो साल की समयसीमा तय की है, जिसके बाद वे स्थायी हो जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी ऐसे कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।