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शिमला। हिमाचल प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त और सरकार को अस्थिर करने के मामले में नया अपडेट सामने आया है। शिमला पुलिस ने गुरुग्राम स्थित एक हेलिकॉप्टर कंपनी के अधिकारी को शिमला बुलाया है। अधिकारी से विधायकों द्वारा इस्तेमाल की गई हवाई सेवाओं का ब्योरा लिया गया है। हालांकि, इस जानकारी में खर्च का विवरण भी शामिल है। पुलिस ने जानने की कोशिश की है कि किसके निर्देश पर हेलिकॉप्टर बुक किया गया और इस पर आए लाखों रुपये के खर्च का भुगतान किसने किया।
दस्तावेज किए गए पेश
पुलिस के सूत्रों के अनुसार, अधिकारी ने कुछ हवाई सेवाओं से संबंधित दस्तावेज पेश किए हैं। जबकि अन्य रिकॉर्ड जल्द ही जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इन रिकॉर्ड के जरिए पुलिस यह पता लगाने में सक्षम होगी कि विधायकों की हवाई सेवाओं पर कितना खर्च आया और भुगतान किस स्रोत से किया गया।
खरीद फरोख्त को लेकर चर्चा
बता दें कि इस साल फरवरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान, कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने चंडीगढ़ और उत्तराखंड के विभिन्न होटलों में ठहरने के दौरान हवाई सेवाएं प्राप्त की थीं। तीन हवाई कंपनियों ने इन विधायकों को सेवाएं प्रदान की थीं, लेकिन ये कंपनियां रिकॉर्ड उपलब्ध कराने से इनकार कर रही थीं, जिससे पुलिस की जांच में रुकावट आई।
शिमला पुलिस पहुंची थी गुरूग्राम
जानकारी के अनुसार, शिमला पुलिस की टीम ने 30 जुलाई को गुरुग्राम स्थित हेलिकॉप्टर कंपनी के कार्यालय पर छापेमारी की, लेकिन वहां पहुंचने पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया। शिमला पुलिस को स्थानीय पुलिस द्वारा 8 घंटे तक थाने में रोके रखा गया, जिससे वे बिना किसी जांच के लौटने के लिए मजबूर हुए।
पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया
अब पुलिस अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्ड के आधार पर जांच को आगे बढ़ाएगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि विधायकों की हवाई सेवाओं पर कितना खर्च हुआ और उसका भुगतान किसने किया। इस मामले से जुड़ी और जानकारी के आने की संभावना है, जो इस विवाद के विभिन्न पहलुओं को उजागर कर सकती है।