न्यूज अपडेट्स
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने दो साल या इससे अधिक समय से सरकारी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में रिक्त चल रहे सभी पद खत्म करने का आदेशों पर स्थिति स्पष्ट की है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि दो साल से अधिक रिक्त रहे कोई भी पद समाप्त नहीं किए गए हैं। इन पदों को आज के समय की जरूरत के अनुसार भरने के लिए विभागों से प्रस्ताव मांगे हैं। शनिवार को प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने भी सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्यपाल के सचिव, विधानसभा सचिव और राज्य उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को इसे लेकर एक और पत्र भेजा है।
इसमें ये कहा गया है कि केवल उन्हीं अनावश्यक पदों को समाप्त किया जाना है, जो सरकार के उक्त विभाग/संगठन में अब किसी काम के नहीं हैं। इसके अलावा यदि आवश्यकता या आवश्यकता के अनुसार परिवर्तित नामकरण के साथ भी कोई और पद सृजित किया जाना है तो सामान्य तंत्र के माध्यम से पूर्ण प्रस्ताव तत्काल वित्त विभाग को भेजा जाए, ताकि समय रहते इसके लिए उचित बजट स्वीकृत किया जा सके। उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
बता दें, शुक्रवार को वित्त की ओर से एक पत्र जारी किया गया था। पत्र में वर्ष 14 अगस्त, 2012 के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया। इसमें कहा गया कि विभाग इनकी अनुपालना नहीं कर रहे हैं और न ही वित्त विभाग को इससे संबंधित ब्योरा भेज रहे हैं। प्रधान सचिव वित्त ने स्पष्ट किया है कि इसे प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि दो साल या इससे अधिक समय से खाली चल रहे अस्थायी या नियमित पदों को खत्म माना जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित विभाग एक हफ्ते में इन्हें बजट बुक से भी हटवा दें।
इसमें विभागों की ओर से किसी तरह की बहानेबाजी नहीं की जानी चाहिए। इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया गया है कि दो साल या इससे अधिक समय से रिक्त चल रहे पदों को भरने का कोई भी प्रस्ताव वित्त विभाग को न भेजा जाए। इन दिशा-निर्देशों की सख्ती से अनुपालना की जाए। अब शनिवार को वित्त विभाग ने इसे लेकर नए आदेश जारी किए हैं।