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शिमला। कोर्ट के आदेशों की अनुपालना न करने के मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग पर 20000 रुपए की कॉस्ट लगाई है। न्यायाधीश रिवाल दुआ ने शिक्षा विभाग पर न्यायालय के पिछले आदेशों की अनुपालना न करने पर यह काॅस्ट लगाई है।
काॅस्ट की यह राशि प्रार्थी को अदा करने के आदेश दिए हैं। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी 10 फरवरी, 2012 को कला अध्यापक के पद पर अनुबंध के आधार पर नियुक्त की गई थी। 31 अगस्त 2017 को उसकी सेवाओं को नियमित कर दिया था।
प्रार्थी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल कर ताज मोहम्मद के मामले में पारित निर्णय के आधार पर उसे अनुबंध की तारीख से वरिष्ठता व अन्य लाभ दिए जाने की गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी द्वारा शिक्षा विभाग को भेजे गए प्रतिवेदन पर निर्णय लेने के आदेश पारित किए थे। 23 जुलाई को पारित निर्णय के पश्चात शिक्षा विभाग की ओर से इस मामले में कोई भी निर्णय नहीं लिया।
तीन बार कोर्ट के समक्ष मामला लगा लेकिन हर बार विभाग की ओर से अतिरिक्त समय दिए जाने की गुहार लगाई गई। न्यायालय ने शिक्षा विभाग के इस रवैया से असंतुष्ट होते हुए इस बार 20000 रुपए की काॅस्ट लगाई, ताकि भविष्य में न्यायालय के आदेशों को शिक्षा विभाग द्वारा हल्के में न लिया जाए।