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शिमला। हिमाचल प्रदेश में जल्द ही पांच ग्रीन कॉरिडोर पर 55 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसी महीने होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देगी। इस चार्जिंग नेटवर्क के तैयार होने के बाद HRTC (हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम) अपनी लॉन्ग रूट पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कर देगा। प्रदेश सरकार ने छह ग्रीन कॉरिडोर की घोषणा की थी, जिनमें से पहला कॉरिडोर किरतपुर-कुल्लू-केलांग राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहले ही तैयार हो चुका है। इस मार्ग पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
पर्यावरण संरक्षण में अहम कदम
सरकार द्वारा पेट्रोल पंपों और हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के होटलों पर भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं क्योंकि ये प्रदूषण नहीं फैलाते। इसके अलावा, इन वाहनों के रखरखाव की लागत भी पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम होती है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दे रही है ताकि ईंधन के खर्च में भी कमी आए और ध्वनि प्रदूषण भी कम हो सके।
ई-वाहनों पर विशेष छूट
प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए रोड टैक्स में 100% छूट और पंजीकरण शुल्क भी पूरी तरह माफ कर दिया है। व्यवसायिक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पथकर में 50% की छूट और व्यवसायिक परमिट फीस भी माफ कर दी गई है। इससे हिमाचल प्रदेश को “ग्रीन स्टेट” बनाने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।
ग्रीन कॉरिडोर:
परवाणू-ऊना-नूरपुर
पांवटा-सोलन-शिमला
परवाणू-शिमला-रिकांगपिओ-ताबो, लोसर
शिमला-कांगड़ा-नूरपुर-चंबा
मंडी-पालमपुर-पठानकोट
सरकार की ओर से प्रस्तावित ग्रीन कॉरिडोर पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना को मंत्रिमंडल की अगली बैठक में मंजूरी मिलने की संभावना है। यह चार्जिंग सुविधा स्थापित होने के बाद HRTC की इलेक्ट्रिक बसें भी इन मार्गों पर संचालित की जा सकेंगी।