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बिलासपुर। गोविंद सागर झील (Govind Sagar Lake) में दशकों से मोटर वोट चला रहे संचालकों के हितों की बिलासपुर प्रशासन द्वारा अनदेखी की गई है। एक ओर जहां गोविंद सागर झील में प्रतिबंध के बावजूद वॉटर स्पोर्ट्स (Water Sports) गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है वहीं गोविंद सागर झील में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए निजी कंपनी के हवाले कर दिया गया है जो की सही नहीं है।
शनिवार को बिलासपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के अध्यक्ष एवं एडवोकेट रजनीश शर्मा (Rajneesh Sharma) ने कहा कि दशकों से झील में मोटर वोट चला रहे मोटर वोट संचालकों को रोजगार बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन अब इनका रोजगार खत्म होने की नौबत आ गई है।
उन्होंने कहा कि 15 दिनों के भीतर प्रशासन की ओर से निजी कंपनी को दिया गया टेंडर यदि रद्द नहीं किया गया तो स्थानीय लोगों के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर प्रशासन के द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए प्रयास करने चाहिए लेकिन यहां पर निजी कंपनी को टेंडर देने के बाद इन लोगों का रोजगार छीन लिया जाएगा जो कि न्याय संगत नहीं है।