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बिलासपुर। सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने निजी अस्पतालों में हिम केयर योजना बंद करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से लोगों से सुविधाएं छीनने का सिलसिला लगातार जारी है।
सरकारी अस्पतालों में डाॅक्टरों और अन्य सुविधाओं की कमी है। इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। इसकी वजह से मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है। इसमें हिम केयर योजना उनके लिए बेहद मददगार साबित हो रही थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे बंद करके आम लोगों के साथ ही कर्मचारियों व पेंशनरों से एक और अहम सुविधा छीन ली।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से लाभांवित होने से वंचित रहने वाले लोगों के लिए प्रदेश में जयराम सरकार के समय हिम केयर योजना शुरू की गई थी। इससे लोगों को बड़ी सुविधा मिल रही थी, लेकिन तथाकथित धांधलियों का राग अलापते हुए सुक्खू सरकार ने निजी अस्पतालों में यह योजना बंद करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। यदि इसमें कोई गड़बड़ी नजर आ रही थी तो प्रभावी कदम उठाकर उसमें सुधार करना सरकार का दायित्व था, लेकिन ऐसा करने के बजाए योजना ही बंद कर दी गई। आम जनता के साथ कर्मचारियों व पेंशनरों को भी नहीं छोड़ा गया। मुख्यमंत्री तर्क दे रहे हैं कि कर्मचारियों व पेंशनरों को इस योजना के दायरे से इसलिए बाहर किया गया, क्योंकि सरकार उनके मेडिकल बिलों का भुगतान कर रही है, लेकिन वह यह नहीं बता रहे हैं कि मेडिकल बिलों का भुगतान लंबे अरसे से लंबित क्यों है।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि हिमाचल में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, लोगों को कोई नई सुविधा मिलने के बजाए उनसे पुरानी सुविधाएं भी छिन रही हैं। सत्ता में आते ही कांग्रेस ने प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार के समय जनहित में खोले गए 1000 से अधिक संस्थान बंद कर दिए। 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की अपनी गारंटी पूरी करने के बजाए पूर्व सरकार के समय से दी जा रही 125 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा भी बंद कर दी गई। छोटे-छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों को होने वाली परेशानी को नजरअंदाज करते हुए 400 से अधिक स्कूल बंद करने का फरमान भी जारी कर दिया गया। इसी कड़ी में अब लोगों से हिम केयर योजना की सुविधा भी छीन ली गई है। इससे खुद को जनहितैषी कहने वाली सुक्खू सरकार का जनविरोधी चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है।