Supreme Court: नीट यूजीसी मामले में सुनवाई के दौरान भड़के CJI चंद्रचूड़, वकील से पूछा जज आप हो या मैं

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
दिल्ली। नीट यूजी परीक्षा 2024 में हुए पेपर लीक मामले की आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने आज सुनवाई के बाद मामले को 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया। कुछ संबंधित पक्षों को केंद्र सरकार और एनटीए द्वारा अदालत में दायर हलफनामा नहीं मिलने के कारण इस मामले की सुनवाई स्थगित की गई है। इस दौरान जब CJI ऑर्डर लिखवा रहे थे, तभी कोर्ट रूम कुछ ऐसा हुआ कि वह बिदक पड़े।

दरअसल, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वाली 30 से ज्यादा याचिका पर सुनवाई कर रही है। कल जब एनटीए और सरकार ने इस मामले में हलफनामा सौंपा तो कई पक्षों के वकीलों ने कोर्ट के सामने यह बात उठाई कि उन्हें हलफनामे की कॉपी नहीं मिली है। तब सीजेआई ने कहा कि मामले की सुनवाई अब कल यानी शुक्रवार को की जाएगी। इसके चंद सेकंड बाद ही उन्होंने कहा कि सोमवार को अगली सुनवाई होगी।

सीजेआई द्वारा सुनवाई की नई तारीख देने और ऑर्डर लिखवाने के दौरान ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार और मंगलवार को अपनी अनुपलब्धता बताकर कोर्ट से बुधवार को सुनवाई के लिए अनुरोध किया। तभी वरिष्ठ वकील जे नेदमपारा, जो छात्रों के एक समूह की एक याचिका का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने कहा कि वह बुधवार के लिए राजी हैं। इस पर CJI चंद्रचूड़ बिगड़ गए और वकील नेदमपारा से पूछ डाला, एक सेंकड, मिस्टर नेदमपारा, जज आप नहीं हैं, सौभाग्य से जज मैं हूं। आप खामोश रहें।” इसके बाद सीजेआई ने कहा कि बुधवार को छुट्टी है, इसलिए मामले की अगली सुनवाई अब गुरुवार यानी 18 जुलाई को होगी।

इस बीच, केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सौंपे हलफनामे में बताया है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024’ में न तो इस बात के संकेत मिले हैं कि ‘‘बड़े पैमाने पर कदाचार’’ हुआ और न ही ऐसे संकेत हैं कि स्थानीय उम्मीदवारों के किसी समूह को लाभ पहुंचा हो। केंद्र ने हलफनामे में कहा है कि नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा विश्लेषण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने किया और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार अंक वितरण में घंटी के आकार के वक्र का अनुसरण किया गया जो बड़े पैमाने पर कराई जाने वाली किसी भी परीक्षा में दिखता है जिससे किसी अनियमितता का संकेत नहीं मिलता है।

नीट परीक्षा आयोजित कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने भी शीर्ष न्यायालय में अलग से एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया और कहा कि उसने राष्ट्रीय, राज्य, शहर और केंद्र स्तर पर नीट-यूजी 2024 में अंकों के वितरण का एक विश्लेषण किया है। एनटीए ने अपने हलफनामे में कहा, ‘‘यह विश्लेषण दिखाता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक प्रतीत नहीं होता जो अंकों के वितरण को प्रभावित करेगा।’’उसने हलफनामे में प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई, उसे लाने-ले जाने और वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारियां दी।

नीट-यूजी 2024 में कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के इतिहास में अभूतपूर्व है। इस सूची में हरियाणा के एक केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जहां परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ। यह आरोप लगाया गया है कि कृपांक के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक प्राप्त करने में मदद मिली।

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