Click Here to Share Press Release Through WhatsApp No. 82196-06517 Or Email - pressreleasenun@gmail.com

Himachal: इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायकों की बढ़ी टेंशन, टिकट मिलना हुआ मुश्किल

News Updates Network
By -
0
न्यूज अपडेट्स 
शिमला। हिमाचल में चार लोकसभा और छह विधानसभा सीटों पर चुनाव और मतगणना के बाद अब कांग्रेस और भाजपा ने तीन अन्य सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर फोकस करना शुरू कर दिया है। हिमाचल की तीन देहरा नालागढ़ और हमीरपुर सीटों पर उपचुनाव इसी साल सितंबर या अक्तूबर तक होने की संभावना है। ऐसे में यहां कांग्रेस सरकार और संगठन का फोकस इन्हीं तीन सीटों पर रहेगा।

चुनाव लड़ने को तैयार बैठे हैं निर्दलीय विधायक: वहीं दूसरी तरफ अपने पद से इस्तीफा देने वाले केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशिष शर्मा अपना अगला चुनाव लड़ने के लिए तैयार बैठे हैं। लेकिन क्या भाजपा इन्हें टिकट देगी, इस पर एक बड़ा सशंय बना हुआ है। छह सीटों पर बागियों को टिकट देने का फैसला भाजपा का गलत साबित हो गया है। छह सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं आए हैं। छह में से केवल दो ही सीटें भाजपा जीत पाई है। ऐसे में तीन अन्य बागियों को भाजपा टिकट देगी, इस पर संशय पैदा हो गया है।

क्या भाजपा इन निर्दलीयों को देगी टिकट: हालांकि राजनीति सूत्रों की मानें तो इन बागियों ने भाजपा ज्वाइन करने के दौरान टिकट की शर्त रखी थी। ऐसे में देखना यह है कि भाजपा एक बार फिर बागियों को टिकट देकर भीतरघात का खतरा उठाएगी, या फिर छह सीटों से सबक लेकर कोई अन्य रणनीति बनाएगी। कांग्रेस अगले छह माह तीन सीटों पर करेगी फोकस वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने अभी हाल की के चुनावों में धनबल और जनबल का मुद्दा उठाया और छह सीटों में से चार पर कब्जा कर लिया। अब कांग्रेस सरकार और संगठन का फोकस इन तीन क्षेत्रों में रहेगा। 2022 के चुनावों में कांग्रेस ने नालागढ़ से हरदीप बावा, देहरा से डॉ राजेश शर्मा और हमीरपुर से डॉ पुष्पेंद्र वर्मा को टिकट दिया था। लेकिन यह तीनों ही निर्दलीयों के आगे नतमस्तक हो गए।

कांग्रेस पुराने प्रत्याशियों पर जताएगी भरोसा: अब देखना यह है कि कांग्रेस इन तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एक बार फिर अपने पुराने प्रत्याशियों पर विश्वास जताती है या फिर यहां से नए चेहरे उतार कर उपचुनाव को अपने पक्ष में करने का प्रयास करती है। बीते दो दिन पहले ही सीएम सुक्खू और प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बीच ओकओवर में इस बाबत चर्चा भी हुई है। बताया जा रहा है कि ओकओवर में पुराने प्रत्याशियों पर दांव खेला जाए या किन्हीं नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा जाए, इसको लेकर मंथन किया गया है।

क्रॉस वोटिंग के बाद शुरू हुई थी दलबदल की राजनीति: बता दें कि हिमाचल राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वहीं तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। जिसके चलते ही प्रदेश में छह सीटों पर उपचुनाव करवाने पड़े। अब तीन निर्दलीयों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद यहां छह माह में चुनाव करवाना अनिवार्य है। माना जा रहा है कि सितंबर या अक्तूबर में पड़ोसी राज्य हरियाणा के विधानसभा चुनाव के साथ ही यहां भी उपचुनाव करवाए जा सकते हैं।

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!