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कांगड़ा। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के देहरा डिपो से राशन गायब होने के मामले में विभाग ने गोदाम प्रभारी पर 72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विभागीय जांच में निगम के गोदाम प्रभारी की गलती सामने आई है। संभवत: यह प्रदेश का पहला मामला है, जब राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के किसी कर्मचारी पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया है।
दरअसल, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य सरकार उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से बीपीएल, एपीएल और एपीएल-एलटी राशन कार्ड धारकों को सस्ते दामों पर चावल, आटा, गेहूं, लेवी चीनी, दालें, खाद्य तेल और नमक उपलब्ध कराती है। पिछले माह राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के देहरा डिपो से क्षेत्र की 102 उचित मूल्य की दुकानों पर राशन भेजा गया था, लेकिन यह राशन डिपो तक नहीं पहुंचा।
यह मामला पिछले महीने कई अखबारों मे प्रमुखता से छापा था, खबर प्रकाशित होने के बाद राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और हिमाचल प्रदेश खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग हरकत में आया। विभाग ने जब जांच की तो पाया कि निगम के देहरा डिपो से राशन भेजने की रजिस्टर में एंट्री तो थी, लेकिन यह खाद्य सामग्री उचित मूल्य की दुकानों तक नहीं पहुंची।
इसके बाद सबसे पहले विभाग ने संबंधित गोदाम प्रभारी को देहरा से हटाकर जिला मुख्यालय धर्मशाला भेज दिया और देहरा में गोदाम प्रभारी के पद पर नए कर्मचारी की नियुक्ति कर दी। उसके बाद जांच रिपोर्ट विभागीय कार्रवाई के लिए शिमला निदेशालय भेज दी गई। अब निदेशालय से मिले आदेशों के तहत संबंधित गोदाम प्रभारी पर 72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में आगामी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के देहरा डिपो से राशन गायब होने के मामले की जांच पूरी हो गई है। आरोपी गोदाम प्रभारी पर 72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। -पुरुषोत्तम सिंह, जिला नियंत्रक, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, कांगड़ा