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नालागढ़ के आजाद विधायक का नया नाम केएल बिके, इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए दिया धरना : सुक्खू

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न्यूज अपडेट्स 
नालागढ़। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नालागढ़ के आजाद विधायक बिके हुए हैं। यह पहले ऐसे आजाद विधायक हैं, जो इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए विधानसभा के बाहर धरना दे रहे हैं। हाईकोर्ट में इस्तीफा मंजूर कराने गए, लेकिन वहां भी मुंह की खानी पड़ी। 

नालागढ़ के विधायक का नया नाम केएल बिके है। उन्हें मेरी तरफ से दिया गया सम्मान नहीं, भाजपा की तरफ से अटैची में भरकर दिया गया सामान पसंद आया। बिकाऊ पूर्व विधायक आजाद चुनकर गए थे, उन्हें किस बात का डर था। वह भाजपा की राजनीतिक मंडी में बिके हैं, इसलिए एक माह तक घर नहीं आए। वह भी सरकार गिराने के लिए भाजपा की ओर से रची गई साजिश में शामिल हैं। उन्होंने नालागढ़ की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। 

मुख्यमंत्री ने ये बातें नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के पंजेरा में लोकसभा उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी के चुनाव प्रचार के लिए आयोजित जनसभा में कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी गई। लेकिन, केएल को सार्वजनिक नहीं, निजी विकास चाहिए था। भाजपा को सत्ता की इतनी भूख लगी है कि कांग्रेस के छह विधायक ही खरीद लिए। यह कांग्रेस सरकार के 14 महीनों के कार्यकाल में हुए जनहित के कार्यों का भी डर है। भाजपा को जनता की अदालत का सामना करने से डर लग रहा है। हम अपने कामों का हिसाब लेकर जनता की अदालत में आए हैं, हमें और हमारी सरकार को न कोई डर है न खतरा है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भविष्य वक्ता बनकर रहे हैं कि 4 जून को दो सरकारें बनेंगी, लेकिन उनके पैरों तले जमीन तब खिसकेगी जब न तो छह बिके हुए पूर्व विधायक जीतेंगे, न ही चारों लोकसभा उम्मीदवार। जनता वोट को नोट से खरीदने वाली भाजपा को सबक सिखाएगी।  

उन्होंने कहा कि इस खरीद फरोख्त व भ्रष्टाचार की राजनीति को खत्म करना है। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजों को बंदकर ही 2200 करोड़ रुपये एक साल में अतिरिक्त राजस्व जुटाया है। हमने दो विधायकों को इसलिए लोकसभा चुनाव में उतारा, ताकि भाजपा को यह समझ आ जाए कि कांग्रेस सरकार पूर्ण बहुमत के साथ मजबूत है, चूंकि जयराम ठाकुर का गणित बेहद कमजोर है।

शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप जनता की वोट से चुनकर गए, लेकिन जीतने के बाद लोगों को भूल गए। आपदा में लोगों की पीड़ा नहीं जानी, प्रदेश को विशेष राहत पैकेज दिलाने के लिए प्रधानमंत्री के पास जाने की तो उनके पास हिम्मत नहीं है, वह चिट्ठी लिखने का साहस भी नहीं जुटा पाए। उन्हें सांसद रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने लोगों से जुड़ा कोई सवाल संसद में नहीं पूछा, इसलिए कांग्रेस उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी को चुनकर संसद भेजें। विनोद लोगों की समस्याओं का समाधान कराने का माद्दा रखते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसहारा गोवंश को घर में रखने वालों को प्रति गोवंश 1200 रुपये दिये जायेंगे। लोग बेसहारा पशुओं को घरों से न छोड़ें, सड़कों पर घूम रहे गोवंश के संरक्षण के लिए आगे आएं। 

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