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शिमला : निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार न होने पर जहां मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, वहीं दूसरी तरफ सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीते कल विधानसभा अध्यक्ष को एक याचिका दी है और कहा है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी। ऐसे में यह मामला दल-बदल कानून के दायरे में आता है, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता को रद्द करें।
वहीं विधायक हरीश जनार्था ने भी मामले में शामिल होकर पक्ष सुनने के लिए एक अलग याचिका हाईकोर्ट में दी है। वीरवार को शिमला में पत्रकार वार्ता कर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा ने षड्यंत्र के तहत प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया था, जिसमें उसे कामयाबी नहीं मिली है।
निर्दलीय विधायकों ने भी दबाव में इस्तीफे दिए हैं और इस्तीफे स्वीकार होने से पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं, जो दलबदल कानून के दायरे में आता है, इसलिए स्पीकर से इन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है।
साथ ही विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल मामले को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए समलित करने के लिए याचिका दायर की है।