न्यूज अपडेट्स
हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने डेड माइलेज व ओवर टाईम को कम कर बचत करनी शुरू कर दी है। निगम प्रबंधन के प्रयासों के अब सार्थक परिणाम आने शुरू हो गए है। डेड माईलेज को कम करने सहित ओवर टाईम को कम करने से अब निगम प्रबंधन की सालाना करोड़ों रूपये की हानि कम होगी।
ओवर टाइम घंटे घटाकर भी करोड़ों की बचत : परिवहन निगम द्वारा चालकों व परिचालकों के ओवरटाईम के घंटो को कम किया गया है। लगातार प्रयासों से इसमें अब 50 प्रतिशत तक की कमी रिकॉर्ड की गई है। निगम प्रबंधन के मुताबिक मई 2023 में चालकों के ओवर टाईम घंटे 34,499 बने थे। जबकि जनवरी 2024 में यह ओवर टाईम घंटे घटकर 18, 243 रह गए है। इसी तरह से मई 2023 में परिचालकों के कुल 21, 241 घंटे ओवरटाईम के बने थे। जबकि जनवरी माह में परिचालकों के घंटे भी घटकर 10, 344 रह गए है। निगम प्रबंधन ने बेहतर प्रबंधन से ओवरटाईम के घंटो को घटाने में कामयाबी हासिल की है। इससे निगम प्रबंधन को सालाना 12 करोड रूपये की बचत होगी।
डेड माइलेज कम कर 25 करोड सालाना हानि होगी कम
इसके अलावा परिवहन निगम द्वारा बसों (HRTC) की डेड माइलेज को भी कम किया गया है। निगम प्रबंधन ने डेड माइलेज को भी कम कर निगम प्रबंधन को हर साल होने वाले करोड़ों की हानि को भी कम किया है। निगम की साल 2023 के जनवरी माह में डेड माईलेज 3,04,382 थी। निगम प्रबंधन ने इस पर कसरत कर इससे जनवरी 2024 में घटाकर 2,20,078 तक लाया है। फरवरी 2023 में डेड माईलेज 2,89,319 थी। जिसमें भी निगम प्रबंधन द्वारा कमी लाई गई है। यह फरवरी 2024 में घटकर 2,24,436 रह गई है। निगम प्रबंधन द्वारा हर माह 25 प्रतिशत डेड माईलेज को कम किया गया है। डेड माइलेज के कम होने से भी निगम प्रबंधन को हर साल करोडों रूपये की हानि कम होगी।
HRTC के प्रबंध निदेशक रोहनचंद ठाकुर ने बताया कि निगम ने चालकों व परिचालकों के ओवर टाईम के घंटों को कम किया गया है, निगम ने इसे 50 प्रतिशत तक कम करने में कामयाबी हासिल की है। इसके अलावा डेड माईलेज को भी निगम प्रबंधन ने कम किया है। निगम ने इसे 25 प्रतिशत तक कम किया है। उन्होंने कहा कि इससे निगम प्रबंधन को हर साल करोड़ों रूपये की बचत होगी