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हिमाचल में हर कार्य क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति चाहे मजदूर ही क्यों न हों, उसका रिकार्ड किसी न किसी विभाग या कंपनी के पास है। लेकिन प्रदेश की सड़कों में दौड़ रही प्राइवेट बसों में सेवाएं दे रहे चालक-परिचालकों का रिकार्ड न परिवहन विभाग के पास है और न ही स्थानीय जिला प्रशासन के पास। किसी को यह जानकारी नहीं है कि बस में कौन सा चालक सेवाएं दे रहा है और कब से दे रहा है।
आए दिन प्राइवेट बसों में चालक व परिचालक बदलते रहते हैं। राजधानी शिमला में हालत यह है कि एक दिन बस में कोई चालक होता है तो दूसरे दिन कोई और। इस सप्ताह बस कोई चालक चला रहा है तो अगले सप्ताह कोई और। चालक-परिचालकों के रिकार्ड किसी विभाग के पास न होने का मामला भी शिमला के निजी बस चालक-परिचालकों ने ही उठाया है।
शिमला सिटी निजी बस चालक परिचालक यूनियन ने 23 मार्च को परिवहन निदेशक को इस बारे में ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन मांगों पर गौर नहीं किया गया। यदि भविष्य में चालक-परिचालकों को पहचान पत्र जारी नहीं किए गए तो यूनियन आंदोलन करेगी।
बस ऑप्रेटरों से बैठक के बाद फैसला: निजी बस चालक- परिचालकों की मांगों पर विचार किया जाएगा। इस संबंध में बस ऑप्रेटरों से भी बैठक की जाएगी जिसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। - डी.सी. नेगी, निदेशक परिवहन विभाग