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शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्यसभा सीट पर कांग्रेस के पास बहुमत के बावजूद बड़ा उल्टफेर हुआ था, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज हुआ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को मिली हार अभी भी हिमाचल की सियासत में छाई हुई है। अभिषेक मनु सिंघवी आज विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय पहुंचे और राज्यसभा वोटिंग में बराबरी के बाद पर्ची सिस्टम से निकाले गए परिणामों को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि जब दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट प्राप्त हुए और बाद में पर्ची से नाम निकाले गए, लेकिन इस पर्ची सिस्टम में जिस तरह से उम्मीदवार को जीत मिली, वह गलत है। पर्ची निकलने के हिसाब से जिस उम्मीदवार की जीत होनी चाहिए थी, लेकिन उल्टा दूसरे उम्मीदवार को जितवाया गया, जो कि गलत धारणा है। इसी के खिलाफ उन्होंने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया का कोई प्रावधान नहीं है। इसे लेकर कोर्ट में आज याचिका दायर की गई है।
बता दें कि 27 फरवरी को हिमाचल राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव हुआ था, जिसमें तीन निर्दलियों समेत छह कांग्रेस के बागी विधायकों ने कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ वोट दिया था। 68 सदस्यों वाली हिमाचल विधानसभा में 34- 34 पर मामला अटक गया था।
टाई होने के बाद लॉटरी सिस्टम से नाम निकाला गया, जिसमें भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया गया। अब लॉटरी सिस्टम की प्रक्रिया को अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।