Kisaan Mahapanchayat: पानी बचाने के लिए पिछले एक महीने से आंदोलन, आंखें मूंद कर बैठी सरकार, जनता का हक छीनने का प्रयास

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
बिलासपुर और सोलन जिला की सीमा पर पिछले एक महीने से चल रहे अलीखड्ड बचाओ मुद्दे को लेकर त्रिवेणी घाट में महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र की समस्त पंचायतों के प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए।

महापंचायत को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की छोटी छोटी नदियों का पानी बड़े घरानों को नहीं दिया जाना चाहिए। क्योंकि इससे स्थानीय लोगों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जनता का अधिकार छीनने का किसी को हक नहीं है पूरे हिमालय क्षेत्र के लिए सरकार अपनी नीति बनाए। ताकि जनता का हक बचा रह सके।

उन्होंने कहा कि जब भी पानी का विवाद उठेगा तो पहला झगड़ा स्थानीय स्तर पर होगा जिसका ताजा प्रमाण अलिखड्ड मुद्दा है और ऐसे ही झगड़े भविष्य में सब जगह होने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार अलीखडड के इस मुद्दे को लेकर यह स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है कि यह पानी आखिर किसको जा रहा है। और कौन इसके पीछे है और क्यों इसको जबरदस्ती बनने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगपति कहीं से भी पानी उठा सकती हैं जिसके लिए सतलुज नदी उपयुक्त है लेकिन अलीखड्ड को ही क्यों जबरदस्ती इसके लिए झोंका का रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि लोगों की बात पर संज्ञान लिया जाए और इनकी बात को सुना जाए और इस विवाद को तुरंत समाप्त किया जाए। ताकि क्षेत्र के लोगों के हितों की रक्षा हो सके।

इससे पहले पूर्व विधायक केके कौशल ने कहा कि जनता के हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी और अली खड्ड का विवाद जब तक सरकार हल नहीं कर देती तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। इस अवसर पर अलीखड्ड को संघर्ष समिति के संयोजक रजनीश शर्मा ने आंदोलन को सफल बनने के लिए सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर क्षेत्र के कई पंचायत प्रतिनिधियों ने भी अपनी अपनी बात रखी। महापंचायत के दौरान क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी बैठक करके रणनीति भी बनाई।

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