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चम्बा, 12 मार्च: सीएम सुक्खू ने कहा कि वह साधारण परिवार से संबंध रखते हैं और कड़ी मेहनत व संघर्ष के बूते पर आज जनसेवक के रूप में कार्यरत हैं। आम लोगों के लिए कुछ करने की दृढ़ इच्छाशक्ति से ही आर्थिक चुनौतियों के बावजूद जनकल्याण के लिए योजनाएं आरंभ करने की प्रेरणा मिली है। अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की तथा सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की गई।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जनमत एवं पार्टी विचारधारा के साथ दगा करना हिमाचल की संस्कृति नहीं है। यहां के लोग ईमानदार हैं और जब कोई भी जन-प्रतिनिधि अपना ईमान बेचता है तो उसे प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पांच साल तक लोगों की सेवा करती रहेगी और किसान, महिलाएं और युवा ही हमारी ताकत हैं। उन्होंने कहा कि वह सत्ता के भूखे नहीं हैं और जीवन भर उन्होंने संघर्ष किया है। हम सत्ता सुख के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने सत्ता की लालसा में अफवाहें फैलाई। आम लोगों का बजट पास न हो, इसका षड्यंत्र रचा गया। बजट 2024-25 में आम आदमी की आवाज है और 40 वर्षों में पहली बार ऐसा बजट प्रस्तुत किया गया जिसमें समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। इसमें राज्य सरकार द्वारा 1.15 लाख विधवाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च वहन करने का प्रावधान है।
मनरेगा मजदूरी में बढ़ौतरी, गाय के दूध का खरीद मूल्य बढ़ाकर 45 रुपए और भैंस के दूध का 55 रुपए करने तथा पुलिस की डाइट मनी बढ़ाकर एक हजार रुपये करने की बात है। कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया गया है। बजट में प्राकृतिक खेती पद्धति से पैदा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपए तथा मक्की का 30 रुपए तय किया गया है। हमने लूट के दरवाजों को बंद किया और जनता का पैसा जनता के हित में ही उपयोग हो, यह भी सुनिश्चित किया है।