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सिरमौर, 10 फरवरी: हिमाचल प्रदेश के संगड़ाह उपमंडल में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां एक अविकसित भ्रूण को जरग गांव में घर के बरामदे में फैंक दिया गया। रोंगटे खड़े कर देने वाली बात ये भी थी कि भ्रूण के हाथ व पांव नहीं थे, साथ ही धड़ से नीचे का हिस्सा भी नहीं था। शरीर पर गीली मिट्टी पाई गई।
जरग के प्रेम चंद ने पुलिस को सूचना दी थी कि 4-5 माह का भ्रूण बरामदे में फैंका गया है। तुरंत ही पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई। पुलिस को आशंका है कि किसी ने पैदाइश को छिपाने के मकसद से शव को दफना दिया होगा। आशंका ये भी है कि हड़बड़ाहट में अविकसित भ्रूण को दफनाया गया होगा। इसी कारण जानवर द्वारा इसे खोद कर निकाल लिया गया। भ्रूण के ठीक से दबे न होने के कारण हाथ-पांव बाहर ही रह गए होंगे, इस वजह से सबसे पहले हाथ ही जानवरों के निशाने पर आए होंगे।
उधर, पुलिस ने नाहन मेडिकल काॅलेज में पोस्टमार्टम करवाया गया। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि भ्रूण 6-7 माह का हो सकता है। अंगों को जानवरों द्वारा नोचा गया है। संगड़ाह के डीएसपी मुकेश ढडवाल ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान डीएसपी ने आसपास के लोगों से पूछताछ भी की। सरसरी तौर पर पूछताछ में पुलिस को भ्रूण से जुड़ा सुराग नहीं मिला है।
संगड़ाह पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा-318 के तहत कार्रवाई की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा ने पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच जारी है। उधर, प्रेम चंद ने पुलिस को ये भी सूचित किया था कि रात के वक्त जोर से आवाज भी सुनाई दी थी।