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शिमला, 12 जनवरी: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा-अयोध्या कब जाऊंगा, इसकी तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन जाऊंगा जरूर। गुरुवार को इस मामले को लेकर उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से बात कर ली है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मेरे अयोध्या जाने को लेकर असहमति नहीं जताई है। पार्टी नेताओं ने कहा है कि अयोध्या जाना व्यक्तिगत मामला है। इसका फैसला उन्होंने मुझ पर ही छोड़ा है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आरएसएस और भाजपा के साथ उनके वैचारिक मतभेद हैं और आगे भी रहेंगे। भगवान राम में उनकी पूरी आस्था है। उन्होंने कहा कि उनके पिता दिवंगत वीरभद्र सिंह की सनातन धर्म और प्रदेश के देवी-देवताओं में पूर्ण आस्था रही है।
उन पर इसको आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी ने इन्कार किया है। 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निमंत्रण को कांग्रेस नेताओं ने ठुकरा दिया है।
कांग्रेस ने भाजपा और संघ पर कार्यक्रम को सियासी बनाने और चुनावी लाभ के लिए अर्द्धनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भगवान राम की पूजा करोड़ों भारतीय करते हैं। मनुष्य के लिए धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय होता है। भाजपा और संघ ने इसे लंबे समय से राजनीतिक परियोजना बना दिया है।