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बैंक में धोखाधड़ी का मामला आया सामने, तहसीलदार - पटवारी समेत अन्य छह लोगों पर एफआईआर दर्ज

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सरकार ने हाल ही में प्रदेश में एक साथ जमीन के इंतकाल करवाए जो लंबे समय से लटके हुए थे। इससे एक तरफ तो लोगों को राहत मिली, लेकिन दूसरी तरफ ये अब राजस्व विभाग के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं जिसका ताजा उदाहरण गगरेट में सामने आया है। पंजाब नेशनल बैंक गगरेट शाखा के प्रबंधक ने तहसीलदार अंब, कलरुही सर्किल के कानूनगो, मुबारिकपुर के पटवारी व तीन अन्य लोगों पर जमीन के दस्तावेज से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है जिस पर गगरेट थाने में इन सभी के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।

बलराज सिंह निवासी ने वर्ष 2011 में 17 मरले जमीन खरीदी और उसे बेटे विक्रांत को बेच दिया। समय के अभाव या अन्य तकनीकी कारणों से उस जमीन का इंतकाल दर्ज नहीं हो पाया और वह जमीन राजस्व विभाग के रिकार्ड अनुसार उसके मूल मालिक सुदर्शन कुमार शर्मा निवासी गगरेट के नाम रही।

सुदर्शन ने उस जमीन पर पीएनबी की गगरेट शाखा से कर्ज लिया। जमीन का रकबा करीब 34 मरले था, उसमें से 17 मरले बेची गई, लेकिन बैंक रिकॉर्ड में 34 मरले पर कर्ज होने के कारण वह जमीन बेची या खरीदी नहीं जा सकती। सरकार के जमीन के इंतकाल करवाने के निर्देश पर तीनों ने मिलकर पीएनबी का नकली अनापत्ति प्रमाणपत्र राजस्व विभाग को पेश कर दिया। 

तहसीलदार अंब प्रेम लाल धीमान ने उस अनापत्ति प्रमाणपत्र पर बिना जांच किए कानूनगो कलरुही अमरदेव को निर्देश जारी कर दिए और हल्का पटवारी मुबारिकपुर दर्शन सिंह ने जमीन को ऋणमुक्त करके उसका इंतकाल कर दिया। इस प्रकरण में जो नकली अनापत्ति प्रमाणपत्र बनाया गया उसमें कर्ज वाली जमीन 34 मरले थी, लेकिन अनापत्ति 24 मरले की तैयार की गई। यही राजस्व विभाग की चूक थी।

जमीन पर कर्ज लेने के कारण जमीन बैंक के पास गिरवी है, इसलिए अब जिम्मेदारी बैंक की है। बैंक ने तहसीलदार अंब, कानूनगो व पटवारी को इस मामले में आरोपित बनाते हुए शिकायतपत्र थाना गगरेट को सौंपा है जिस पर पुलिस ने छह लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक ऊना अर्जित सेन ने बताया कि बैंक की शिकायत पर मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई की जा रही है।

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