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हिमाचल : टनल से 17 दिन बाद बाहर आया विशाल, परिवजनों ने मनाई दिवाली

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न्यूज अपडेट्स 
मंडी, 29 नवंबर: उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में फंसे मंडी के युवक विशाल सहित 41 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया गया है। टनल में फंसे हिमाचल के मंडी जिला के रिवालसर क्षेत्र के तहत बगोंट गांव के 20 वर्षीय विशाल के बाहर आने से उसके परिवार में खुशी का माहौल है। परिवार और अन्य परिजनों ने 17 दिन बाद घर में दिवाली मनाई। बेटे के बाहर आने का समाचार मिलते ही मां उर्मिला, दादी गरवधनु सहित परिवार के अन्य सदस्यों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। 

17 दिन विशाल के घर में मनाई दिवाली: बता दें कि परिवार के लोग पिछले 17 दिन से बेटे के सुरक्षित बाहर आने की दुआ मांग रहे थे। विशाल की माता उर्मिला ने बताया कि देवी-देवताओं का आशीर्वाद, लोगों की दुआएं, रेस्क्यू टीम की कड़ी मेहनत से उनके लाल को नया जीवन मिला है। टनल से विशाल की सकुशल वापसी पर पूरे बगोंट गांव में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। इस दौरान पड़ोसियों व रिश्तेदारों ने विशाल के घर पर पहुंच कर मिठाइयां बांटी और बधाई दी।

टनल से निकलते पिता ने गले लगाया विशाल: बताया जा रहा है कि बीते रोज रात को जैसे ही विशाल टनल से बाहर आया उसके पिता धर्म सिंह ने उसे गले लगा लिया और भगवान का शुक्रिया किया। टनल के बाद विशाल के पिता धर्म सिंह और भाई योगेश मौजूद थे। विशाल के पिता धर्म सिंह ने कहा कि उनका बेटा 17 दिन बाद बाहर आया है। इस खुशी को वह शब्दों में ब्यां नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि यह 17 दिन उनके और उनके परिवार पर बहुत बुरे बीते। लेकिन उन्होंने एक पल के लिए भी उम्मीद नहीं छोड़ी।

रेस्क्यू टीमों का किया धन्यवाद: वहीं विशाल के पिता धर्मसिंह ने रेस्क्यू में जुटी टीमों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू में लगी पूरी टीम दिन रात अपनी जान की परवाह किए बगैर 41 मजदूरों को टनल से बाहर निकालने में जुटी रही। इसलिए वह रेस्क्यू के लिए सरकार और प्रशासन के भी शुक्र गुजार हैं। 

12 नवंबर को टनल में फंसा था विशाल: बता दें कि 12 नवंबर को सुबह 9 बजे बेटे के टनल में फंसने की सूचना मिली थी। 11 बजे के करीब वह बस में उत्तराखंड के लिए निकल गए और तब से लेकर वह अभी भी उत्तराखंड में डटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि अब वह बेटे की अस्पताल से छुट्टी का इंतजार कर रहे हैं। विशाल अभी स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचाराधीन है। वहीं टनल में फंसे सभी मजदूरों के लिए चिन्यालीसौड़ में एक 41 बैड के स्पेशल अस्पताल बनाया गया था। जिसमें टनल से निकालने के बाद सभी मजदूरों को इसी अस्पताल में ले जाया गया।

टनल से इस अस्पताल की दूरी 30 से 35 किलोमीटर थी, एंबुलेंस में मजदूर जाम में ना फंसे इसके लिए टनल से चिन्यालीसोड तक की सडक़ को ग्रीन कॉरिडोर घोषित किया गया था। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर सभी मजदूरों को एक एक लाख देने का ऐलान किया है। इसके अलावा सभी मजदूरों को सवेतन अवकाश दिया जाएगा। ताकि अस्पताल से छुट्टी के बाद सभी मजदूर अपने अपने परिवार से मिल सकें।

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