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शिमला, 17 अक्तूबर : अभी हाल में ही एच.आर.टी.सी. लगेज पॉलिसी को फेल करने के षड्यंत्र में निगम प्रबंधन की ओर से नौकरी से निष्कासित किए गए दो परिचालकों ने अपना पक्ष रखा है।
सोमवार को शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता में परिचालक सुनील कुमार 1 और राजेश कुमार ने कहा निगम प्रबंधन ने बिना जांच पड़ताल के हमें नौकरी से निकाला है। उन्होंने कहा कि यात्रियों के पक्ष में अपनी बात व्हाट्सएप ग्रुप में रखी थी। ये ग्रुप कंडक्टरों की और से ही बनाया गया है। इस ग्रुप में लगेज पॉलिसी को लेकर यात्रियों को होने वाली परेशानी की बात की गई थी।
परिचालक सुनील कुमार और राजेश कुमार ने कहा कि उनके खिलाफ किसी ने बड़ी साजिश की है, जिसके तहत उनके व्हाट्सएप स्क्रीन शॉट प्रबंधन के अधिकारियों को शेयर किए गए। अब इस बारे में प्रबंधन से माफ की भी मांग चुके हैं, इसके बावजूद भी उन्हें टर्मिनेट किया गया है।
एच. आर. टी. सी. बसों में लिए जाने वाले सामान के लिए लगेज पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी के तहत सामान को बसों में ले जाने के लिए यात्रियों को टिकट काटना होता है। हाल ही में एक बस के कंडक्टर ने मैरिज एलबम का 207 रुपए का टिकट काटा था, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ। हालांकि, विवाद को देखते हुए उक्त यात्री को एच.आर.टी.सी. ने किराया वापस दे दिया था।
लगेज पॉलिसी को फेल करने के उद्देश्य और निगम की सोशल मीडिया पॉलिसी के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप में किसी यात्री को कोर्ट में जाने के लिए उकसाने और षड्यंत्र में शामिल दोनों परिचालकों को नियमों को ध्यान में रखते हुए और जांच रिपोर्ट के बाद निष्कासित किया है। परिचालकों ने कंडक्ट रूल का भी उल्लंघन किया है। लगेज पॉलिसी निगम की आय बढ़ाने के लिए लाई है और इससे जहां यात्रियों को लाभ मिल रहा है वहीं निगम को आय भी बढ़ रही है। इसी लगेज पॉलिसी से निगम को सितम्बर माह में 80 लाख का लाभ भी हुआ है। नियमों के कार्रवाई की जा रही है। रोहन चंद ठाकुर, एम.डी. एच.आर.टी.सी.