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शिमला, 26 सितंबर : शिमला- मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत वर्तमान समय में खस्ता बनी हुई है। इस सड़क मार्ग से अक्सर लोगों की आवाजाही रहती है और यह सड़क मार्ग प्रदेश की राजधानी को जोड़ता है।
ग्लोबल ज्यूरिस्ट रजनीश शर्मा ने सरकार को आंखे खोलने की नसीहत दी है और कहा सभी मंत्री अफसर इस सड़क मार्ग से गुजरते है परंतु इसकी मुरम्मत का कोई प्रावधान नहीं किया गया। आए दिन इसी लापरवाही के कारण कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है।
उन्होंने कहा घागस से शालाघाट तक शिमला- मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत इतनी खस्ता बन चुकी है की इसमें वाहन चलाना मुश्किल हो गया है। कोई वाहन चालक जब भी इस सड़क मार्ग से गुजरता होगा तो यह जरूर सोचता होगा की आज पता नहीं गाड़ी का कौन सा कलपुर्जा टूटने वाला है क्योंकि सड़क मार्ग की हालत ही इतनी बदतर हो चुकी है।
उन्होंने कहा सरकार के मंत्री और एनएचएआई के अधिकारी, अफसर की नलायकी इस वाक्य से साफ झलकती है लेकिन वह फिर भी इस स्थिति को सुधारने में नाकाम साबित हो रहे है। फिर काहे का व्यवस्था परिवर्तन? क्योंकि पिछली सरकार में भी ऐसा ही था और अभी भी वैसी ही स्थिति है। सभी माननीय और अफसर शायद हो सकता है आंखें बंद करके इस राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरते होंगे।
सरकार के मंत्री बड़े- बड़े बयान जारी करते है लेकिन धरातल पर कोई काम सामने नहीं आ रहा है। यदि इस राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति नहीं सुधरती है तो उग्र आंदोलन से करने से हम पीछे नहीं हटेंगे।