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शिमला : ड्रोन के उपयोग को लेकर नियम प्रस्तुत करने के निर्देश, निगरानी व्यवस्था में मिलेगी सहायता

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शिमला, 21 अप्रैल- मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों की सुविधा और निगरानी व्यवस्था के लिए विभिन्न विभागों में बड़े पैमाने पर ड्रोन सक्षम शासन शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने ड्रोन कंपनी के सहयोग से चंबा, कुल्लू और मंडी जिलों में चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित परीक्षण किया है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने विभाग को 15 दिनों की समयावधि के भीतर ड्रोन के उपयोग के संबंध में प्रस्तावित नियम प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ड्रोन संचालन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग नोडल एजेंसी होगी और संबंधित जिलों के उपायुक्त ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करने के इच्छुक संबंधित विभाग को सहयोग देंगे। उन्होंने कहा कि उपायुक्त ड्रोन हब विकसित करने के लिए स्थानों को चिन्हित करेंगे और इससे विभागों के कामकाज में भी दक्षता आएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, विद्युत आपूर्ति लाइनों के पर्यवेक्षण, कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य, सड़क संबंधी निगरानी, पर्यटकों की आवाजाही की निगरानी, अवैध खनन और पेड़ों की अवैध कटाई जैसे क्षेत्रों की निगरानी में ड्रोन प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक विशेषकर राज्य के बर्फीले क्षेत्रों में अधिक उपयोगी साबित होगी।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजस्व, वन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, तकनीकी शिक्षा और शिक्षा विभाग के 68 अधिकारियों सहित 189 लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का पहला ड्रोन फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल आईटीआई शाहपुर में संचालित किया जा है और ड्रोन तकनीशियन कोर्स सात राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों मंडी, सिरमौर, शिमला, कांगड़ा, सोलन (2 आईटीआई) और कुल्लू जिलों में शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने विभाग की विभिन्न नवाचार पहल की भी समीक्षा की और लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर विभिन्न विभागों की सभी हेल्पलाइनों को मुख्यमंत्री सेवा संकल्प-1100 हेल्पलाइन के साथ एकीकृत करने के निर्देश दिए। 

उन्होंने कहा कि विभाग को राज्य के डिजिटल अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। राज्य सरकार लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से विभिन्न सेवाओं में नवीनतम तकनीक शामिल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधायक विनय कुमार, नीरज नैय्यर, अजय सोलंकी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभिषेक जैन, निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी मुकेश रेपसवाल और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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