देवभूमि हिमाचल में नशे के सौदागर बख्शे नहीं जाएंगे। इसके लिए पुलिस को भी फ्री हैंड दिया गया है। पुलिस चाहे तो किसी भी जुर्म को जड़ से खत्म कर सकती है। पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस दिशा में प्रदेश सरकार ने इच्छाशक्ति दिखाई है। फिर चाहे नशा माफिया किसी भी राजनीतिक दल विशेष से ही ताल्लुक क्यों न रखते हो। राजनीतिक दलों के साथियों से भी स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि इस तरह की मामलों में पुलिस की कार्रवाई में हस्तक्षेप न करें। यदि पुलिस पर दबाव की बात सामने आएगी तो ऐसे लोगों को भी बेनकाब किया जाएगा। कहा कि नशे के कारोबारियों को कड़ी सजा और उनकी संपत्ति जब्त करने और कठोर दंड देने के लिए एक्ट में बदलाव के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। नशा माफिया से निपटने के लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत है।
जयराम सरकार में ओपीएस की बात करना था संगीन अपराध
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व जयराम ठाकुर सरकार में ओपीएस की बात करना संगीन अपराध था। कर्मचारियों के जमकर तबादले किए गए। उन पर केस हुए और जब वह प्रदर्शन करने आते तो उन पर पानी की बौछारों से चोटिल किया। कांग्रेस सरकार ने इसे अपना फ्लैगशिप प्रोग्राम बनाया और पहली कैबिनेट में ही ओपीएस लागू करने का निर्णय लिया। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में कई प्रसिद्ध शक्तिपीठ हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मंदिरों का रखरखाव कर भाजपाइयों को भी धर्म भुला देंगे। जयराम ठाकुर की सरकार ने आखिरी तीन महीनों में सैकड़ों संस्थान प्रदेश में खोल दिए, जिसके लिए कोई बजट नहीं था। इस बीच जयराम ठाकुर से अगर कोई ताजमहल भी मांगता तो उसे भी खोल देते।
गारंटियां पूरी करना राजनीतिक धर्म
अग्निहोत्री ने कहा कि 10 गारंटियों को पूरा करना सरकार का राजनीतिक धर्म है। प्रदेश की महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाने के लिए कमेटी गठित की गई है। एचआरटीसी 1350 करोड़ के घाटे में चल रही है। फिर भी सभी रूटों को जनता की सुविधा के लिए चलाया जा रहा है।
400 से अधिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में डीपीई के पद ही सृजित ही नहीं
अनुबंध से नियमित अध्यापक संघ जिला सिरमौर ने उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से डीपीई के पद सृजित करने के साथ-साथ खाली पदों को भरने की मांग की है। इस सिलसिले में संघ के पदाधिकारी हिमाचल दिवस के मौके पर नाहन में आयोजित जिलास्तरीय समारोह के दौरान उप मुख्यमंत्री से मिले। संघ के जिला अध्यक्ष नरेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के 400 से अधिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में डीपीई के पद सृजित ही नहीं किए गए हैं। इससे बच्चे खेलकूद जैसी अहम गतिविधियों में पिछड़ रहे हैं।
जबकि, 122 के करीब डीपीई के पद रिक्त चले हुए हैं। उन्होंने मांग की है कि इन पदों को तुरंत भरने के साथ-साथ पाठशालाओं में पद भी सृजित किए जाएं। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले दो वर्षों से 180 पीटीआई (शारीरिक शिक्षकों) की पदोन्नति रुकी हुई है। जहां हर वर्ष सभी वर्गों के अध्यापकों की पदोन्नति होती है, वहीं शारीरिक शिक्षक वर्ग की विभाग की ओर से पदोन्नति नहीं हो रही है। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ने संघ के पदाधिकारियों की मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि इन्हें जल्द कैबिनेट में लाया जाएगा और 400 से अधिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में भी डीपीई के पद सृजित किए जाएंगे।