Shimla News: हिमाचल विधानसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते समय सीएम सुखविंदर सिंह ने अपने प्रिय शब्द व्यवस्था परिवर्तन को लेकर एक उदाहरण दिया. सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता संभालने के बाद व्यवस्था परिवर्तन का जो असर हुआ है, उसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है. सीएम ने कहा कि भोरंज के विधायक सुरेश कुमार उनके पास आए और एक आपबीती साझा की।
सुरेश कुमार ने कहा कि दो दिन पहले वे संजौली गए थे. वहां एक दुकाने से पेस्ट्री लेने के लिए उन्होंने गाड़ी खड़ी की थी. जब वे पेस्ट्री लेकर आए तो उनकी गाड़ी का चालान हो चुका था. सुरेश कुमार ने पुलिस वालों से कहा कि वो एमएलए हैं. इस पर पुलिस कर्मियों ने जवाब दिया कि सर, चाहे कोई एमएलए ही क्यों न हो, ये व्यवस्था परिवर्तन है. सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि पुलिस कर्मियों के कहने का तात्पर्य ये था कि अगर कोई विधायक भी कानून तोड़ता है तो उसका भी चालान होगा. यानी पुलिस को भी ये साहस आया है कि विधायक के कानून तोडऩे पर वो उसका चालान काटने से नहीं हिचकता।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के बजट सत्र में सीएम सुखविंदर सिंह बार-बार इस शब्द का प्रयोग करते हैं. सीएम कई बार कह चुके हैं कि विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर जब भी बोलने के लिए हाथ खड़ा करके स्पीकर की अनुमति मांगते हैं तो उन्हें मौका दिया जाता है. सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जब भी पॉइंट ऑफ आर्डर की सुविधा लेना चाहते हैं तो वे अनुमति मांगते हैं और स्पीकर उन्हें बोलने का अवसर देते हैं. ये वही व्यवस्था परिवर्तन है, जिसकी हम बात करते हैं।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू जब बजट पर चर्चा का जवाब देने लगे तो उन्होंने आरंभ में ही व्यवस्था परिवर्तन की बात की. सीएम ने कहा कि स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष को बोलने के लिए 1.22 घंटे का समय दिया, यही व्यवस्था परिवर्तन की निशानी है. इसके ठीक बाद सीएम सुखविंदर सिंह ने भोरंज के विधायक सुरेश कुमार वाला किस्सा सदन में साझा किया।