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यात्री ऑनलाइन चुका सकेंगे एचआरटीसी की बसों में किराया - परिचालकों को मिलेंगी एंड्रॉयड टिकट मशीनें

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हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में सफर करने वाले यात्री अब क्यूआर कोड स्कैन कर किराया चुका सकेंगे। कैश लेस भुगतान की सुविधा शुरू करने के लिए एचआरटीसी 4,500 एंड्रॉयड टिकटिंग मशीनें खरीदने जा रहा है। 

यात्री यूपीआई के अलावा गूगल पे, पेटीएम, फोन पे या भीम एप से किराये का भुगतान कर सकेंगे।एचआरटीसी की सभी बसों में परिचालकों को क्यूआर कोड एंड्रॉयड टिकटिंग मशीनें दी जाएंगी। इन मशीनों का दोहरा फायदा होगा। इससे क्यूआर कोड स्कैन कर डिजिटल भुगतान तो होगा ही, साथ ही टिकट भी बनेंगी।

क्यूआर कोड से आनलाइन किराया चुकाने के बाद एंड्रॉयड मशीन से टिकट जारी होगा। एचआरटीसी के खाते में पैसा आते ही मशीन टिकट बनाकर देगी। यात्री के बैंक खाते से पैसा सीधे एचआरटीसी के खाते में जमा होगा। इससे खुले पैसे की समस्या भी हल हो जाएगी। नई  एंड्रॉयड टिकटिंग मशीन में किराये के भुगतान के तीन विकल्प मौजूद होंगे। यात्री क्यूआर कोड स्कैनिंग, एटीएम कार्ड स्वैपिंग या नकदी देकर किराये का भुगतान कर सकेंगे। निगम की वोल्वो, विद्युत चालित, एसी, नॉन एसी, सुपर फास्ट और साधारण सभी श्रेणी की बसों में यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति में होगा सुधार

एंड्रॉयड टिकटिंग मशीनों के इस्तेमाल से निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। निगम की 3,300 बसें रोजाना 3,800 रूटों पर संचालित होती हैं और करीब दो करोड़ कमाई करती हैं। मौजूदा समय में कंडक्टर रूट से लौटने के बाद कैश काउंटर पर पैसा जमा करते हैं और इसके बाद पैसा बैंक में जमा होता है। अब टिकट जारी होते ही पैसा सीधे निगम के बैंक खाते में जमा हो जाएगा। निगम की बसों में सफर करने वाले यात्रियों की मानीटरिंग भी सीधे मुख्यालय से हो सकेगी।

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