Click Here to Share Press Release Through WhatsApp No. 82196-06517 Or Email - pressreleasenun@gmail.com

Himachal News: जैव-ऊर्जा क्षेत्र में नीतिगत सुझावों के लिए इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ समन्वय करेगी राज्य सरकार: CM

News Updates Network
By -
0
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू ने शुक्रवार सायं इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार उभरते जैव-ऊर्जा क्षेत्र में नीतिगत सुझावों एवं अनुसंधान सहयोग के लिए आईएसबी के साथ समन्वय करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चीड़ की पत्तियों और बांस से जैव ऊर्जा उत्पादन का एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगी। प्रदेश में शंकु वन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और बांस उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय स्तर पर लोगों की सहभागिता से उनकी आय में वृद्धि की जा सकेगी। 

उन्होंने कहा कि थर्मल पावर, सीमेंट और स्टील जैसे कई क्षेत्रों से उत्सर्जन कम करने के लिए जीवाश्म ईंधन के विकल्पों की सम्भावनाएं तलाशी जा रही हैं। ऐसे में चीड़ की पत्तियों से बने ईंधन को सम्भावित विकल्प के रूप में शामिल किया जाएगा, क्योंकि इसकी ऊष्मीय महत्ता अधिक है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

आईएसबी इस परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापार मॉडल और समुचित प्रौद्योगिकी प्रदान करेगा जिसमें राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि आईएसबी उद्योग के लिए सहयोग एवं खरीददारों के माध्यम से उपयुक्त बाजार भी उपलब्ध करवाएगा।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2025 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। सरकार द्वारा पैट्रोल में इथेनॉल की प्रतिशतता 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत की गई है। उन्होंने कहा कि आईएसबी बांस से इथेनॉल, कम्प्रेस्ड बायोगैस फर्टिलाइज़र बनाने का काम भी करेगा। इथेनॉल के अपशिष्ट बड़ी मात्रा में कम्प्रेस्ड बायोगैस और बायो फर्टिलाइज़र के उत्पादन में फीडस्टॉक के रूप में उपयोग में लाए जाते हैं। 

मुख्यमंत्री ने सामुदायिक वन स्वामित्व के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इसके माध्यम से वनों की सुरक्षा तथा सतत प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन स्वामित्व वृहद् सामाजिक दायित्वों से जुड़ा है और इससे वनों के संरक्षण को और अधिक प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक मामलों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलती है और ऐसे में यह औद्योगिक भागीदारों और निजी निवेश को भी आकर्षित करेगा।

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के कार्यकारी निदेशक प्रो. अश्वनी छत्रे और नीति निदेशक डॉ. आरुषि जैन ने आईएसबी की परियोजनाओं के बारे में अवगत करवाया। बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव अभिषेक जैन और ओएसडी गोपाल शर्मा भी उपस्थित थे।

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!