पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने निशाना साधते हुए कहा कि सुक्खू सरकार को मंत्री और विधायक नहीं, यार चला रहे हैं। पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार आने के बावजूद व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री की नई परंपरा शुरू की गई है। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर कांग्रेस ने 11 दिसंबर को सरकार बनाते ही 12 दिसंबर को सरकारी संस्थानों में तालाबंदी शुरू कर दी।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में जयराम ने कहा कि सूक्खू सरकार के तीन माह के कार्यकाल में लोकप्रियता का ग्राफ इतना नीचे आ गया है, जितना हिमाचल के इतिहास में किसी सरकार का नहीं गिरा। जनता के साथ अन्याय करते हुए प्रदेश के 650 सरकारी संस्थानों को बंद कर दिया। भाजपा बंद किए सरकारी संस्थानों को दोबारा बहाल करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रही है।
जरूरत पड़ी तो भाजपा सड़कों पर भी उतरेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल की शुरुआत में प्रदेश पर 48 हजार करोड़ रुपये का ऋण था।कार्यकाल पूरा होने पर यह ऋण 69 हजार करोड़ रुपये था। अब कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लिए गए ऋण को 95 हजार करोड़ रुपये बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री को तथ्यों के आधार पर अपनी बात कहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बनने वाले बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए केंद्र ने 250 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। रेलवे के लिए 1,838 करोड़ का बजट पहली बार मिला है। मंडी एयरपोर्ट के लिए भूमि चयन प्रकिया प्रगति पर है।
वहीं, धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) निर्माण के मसले को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर केंद्र से बातचीत कर समस्या का समाधान किया जाएगा। धर्मशाला में सीयू भवन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने जी-20 कार्यक्रम को धर्मशाला में प्रस्तावित करने पर पीएम मोदी का आभार भी जताया।
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
जयराम ठाकुर ने कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। एयरपोर्ट की जद में आ रहे स्थानीय लोगों के साथ बातचीत कर समस्या का हल करना होगा।
मंत्रिमंडल में नहीं साध पाए क्षेत्रीय संतुलन
जयराम ने कहा कि शीतकालीन प्रवास के दौरान सीएम जिला कांगड़ा के लिए एक दिन भी नहीं निकाल पाए। कांग्रेस सरकार मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन नहीं बना पाई है। सत्ता का रास्ता दिखाने वाले जिला कांगड़ा ने कांग्रेस को दस सीटें दी हैं। बदले में कांगड़ा जिला को महज एक मंत्री देकर जनता के साथ अन्याय किया गया है।