सराज: मंडी जिले की सराज विधानसभा सीट पर मतगणना (HP Poll Result 2022) अब शुरू हो चुकी है. पहले राउंड की गिनती में CM जयराम ठाकुर 1500 मतों से आगे चल रहे हैं. पहले राउंड में कुल 5434 मतों की गिनती हुई है. जयराम ठाकुर सभी दस बूथों में आगे चल रहे हैं. इससे पहले बैलेट की गिनती में CM जयराम, कांग्रेस प्रत्याशी चेतराम ठाकुर से आगे चल रहे थे. साल 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद प्रदेश में राजनीति की दशा और दिशा बदलने वाली सराज विधानसभा सीट हिमाचल की हॉट सीट बनी हुई है. सराज विधानसभा की सीट पर हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश भर की निगाहें टिकी हुई हैं. इसका सबसे बड़ा कारण 2017 में हुए हिमाचल चुनावों में भाजपा मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल का हारना था. (Himachal pradesh elections result 2022).
सराज में दो ठाकुर की सीधी टक्कर: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार छठी जीत हासिल करने की तैयारी में हैं. वहीं, कांग्रेस 1993 के बाद से सराज में खाता खोलना चाह रही है. सराज विधानसभा क्षेत्र में कहने को तो 6 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन असल में लड़ाई भाजपा उम्मीदवार जयराम ठाकुर और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पूर्व में दो बार रहे मिल्क फैड के चैयरमेन चेतराम ठाकुर के बीच ही है.
क्या पहले ही हार मान चुकी थी कांग्रेस?: जयराम ठाकुर के साथ साथ भाजपा की प्रतिष्ठा भी यहां पर दांव पर है. कांग्रेस प्रत्याशी चेतराम ठाकुर ने यहां गांव-गांव में नुक्कड़ सभाएं की थीं, लेकिन हैरानी की बात है कि कांग्रेस हाईकमान के नेता यहां पर कम ही दिखाई दिए. सराज में किसी बड़े स्टार प्रचारक का ना आना कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खटक रहा है. भाजपा कार्यकर्ताओं की मानें तो कांग्रेस पार्टी ने सराज में चुनाव लड़ने से पहले ही हार मान ली है. जिसके लिए उन्होंने यहां मुख्यमंत्री के सामने कोई स्टार प्रचारक तक नहीं भेजा था.
सराज का इतिहास: साल 2012 में विधानसभा क्षेत्रों के डिलिमिटेशन (सीमांकन) में चच्यौट विधानसभा क्षेत्र को सराज विधानसभा क्षेत्र का नाम दिया गया. चच्यौट को 2012 से सराज विस क्षेत्र के नाम से जाना जाने लगा. 1998 से 2007 तक जयराम ठाकुर ने चच्यौट विधानसभा क्षेत्र में लगातार तीन दफा जीत हासिल की थी. 2012 में चच्यौट सराज बन गया और दोनों 2012 और 2017 के चुनावो में जयराम ने जीत हासिल की.
पांच बार जीत चुके हैं सीएम जयराम: प्रदेश की हॉट सीट सराज विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार छठी जीत के लिए मैदान में उतरे हैं. कांग्रेस ने फिर चेतराम को ही मैदान में उतारा है. जिनका जयराम ठाकुर के समक्ष यह तीसरा चुनाव है, जिसमें दो चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा था. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सराज से जीत का पंजा लगा चुके हैं. कांग्रेस यहां से चेहरे बदलती रही है, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाई है.
1993 से पहले कांग्रेस का गढ़ था सराज: सराज विधानसभा क्षेत्र किसी जमाने में कांग्रेस का गढ़ था. यहां की पहाड़ी जमीन पर कमल खिलाना पहाड़ जैसी चुनौती थी. जयराम ठाकुर ने इस चुनौती को स्वीकारा. 1993 में कमल की बिजाई शुरू की. जयराम ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और कांग्रेस के दिग्गज मोती राम से मुकाबला हुआ था. वह जनता दल छोड़ कांग्रेस में आए थे. मोती राम को 28.75 व जयराम ठाकुर को 23.11 प्रतिशत मत मिले थे. जयराम ठाकुर जमानत बचाने में सफल रहे थे. इस चुनाव में कांग्रेस के तीन असंतुष्ट पंडित शिवलाल, वीर सिंह व चेतराम ठाकुर मैदान में थे. अधिकृत व तीन असंतुष्टों को कुल मिलाकर 71 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे. हार के बाद पांच साल तक जयराम ठाकुर क्षेत्र में सक्रिय रहे.
चेहरे बदलते रहे फिर भी कांग्रेस को नहीं मिली जीत: 1998 के चुनाव में पहली बार जयराम को जीत मिली. इसके बाद से लगातार यहां से चुनाव जीत रहे हैं. कांग्रेस पांच चुनाव में चेहरे बदलती रही, लेकिन जीत नसीब नहीं हुई. इस चुनाव में जयराम ठाकुर के सामने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर फिर मैदान में हैं. वह जयराम के सामने तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस को आम आदमी पार्टी में रहे संतराम का भी साथ मिला है. कांग्रेस यहां भीतरघात से जूझ रही है. असंतुष्ट नेताओं का साथ भी नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पांच साल में सराज विधानसभा क्षेत्र के हर गांव में विकास करवाया है. इन्हें हर गांव से समर्थन मिला रहा है.
कौन हैं चेतराम ठाकुर: चेतराम ठाकुर (उम्र 62 वर्ष) पूर्व कांग्रेस सरकार में दो बार रहे मिल्फैड के चेयरमैन बन चुके हैं. सराज विधानसभा क्षेत्र जो पहले चच्योट विधानसभा क्षेत्र थी से चेतराम ठाकुर दो बार कांग्रेस पार्टी से टिकट लेकर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों बार वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से हार चुके हैं.
मैदान में 6 प्रत्याशी: सराज के चुनावी रण में छह प्रत्याशी हैं. भाजपा व कांग्रेस के अलावा माकपा से महेंद्र राणा, बसपा से इंदिरा देवी, आम आदमी पार्टी से गीतानंद व नरेंद्र कुमार निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।