बिलासपुर: सड़क हादसे में परिवार ने खोया इकलौता बेटा, पिकअप से टकराई बाइक, हुई मौत

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बिलासपुर, 31 मई। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से एक दुखद खबर सामने आई है। यहां बरोटा गांव के एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार ने सड़क हादसे में अपना जवान बेटा खो दिया है। बेटे की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है।

मां-बाप ने खोया इकलौता बेटा

सबसे दुखद बात तो ये है कि युवक अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। युवक के पिता ड्राइवरी करते हैं। उन्होंने बेटे के पालन-पोषण में कोई कमी नहीं छोड़ी। मगर अब ऐसे उसकी मौत हो जाने से पिता के सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं।

सड़क हादसे में हुई मौत

मिली जानकारी के अनुसार, युवक की मौत बीते कल एक सड़क हादसे में हुई है। जैसे ही उसकी मौत की खबर उसके माता-पिता को मिली-वैसे ही मौके पर घर पर चीख-पुकार मच गई। माता-पिता ये मानने को तैयार ही नहीं थे कि उन्होंने अपने लाडले बेटे को खो दिया है।

खो दिया बुढ़ापे का सहारा

मृतक की पहचान साहिल के रूप में हुई है- जो कि महज 21 साल का था। माता-पिता ने बुढ़ापे का सहारा खो दिया है। बताया जा रहा है कि साहिल हमेशा सामाजिक कार्यों में आगे रहता था। उसकी मौत ने पूरे इलाके के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। पिता ने जब जवान बेटे की अर्थी को कंधा दिया- तब वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गई।

शुक्रवार को हुआ था हादसा

बता दें कि यह हादसा शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे हुआ था। जब साहिल ठाकुर अपने दो अन्य दोस्तों के साथ एक बाइक पर सवार होकर बरोटा से लदरौर की तरफ जा रहे थे। जब यह लोग बरोटा स्कूल के पास पहुंचे तो अचानक बाइक अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे खड़ी एक पिकअप जीप से जा टकराई। इस हादसे में तीनों युवक घायल हो गए। जिन्हें भराड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां साहिल की मौत हो गई।

दोस्तों के साथ था साहिल

मृतक की पहचान 21 वर्षीय साहिल ठाकुर निवासी करोट के रूप में हुई है। वहीं घायलों में आशीष कुमार निवासी गांव झरलोग और निखिल चौहान निवासी गांव करोट जिला बिलासपुर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि साहिल ठाकुर के सिर और छाती पर गंभीर चोट लगने से उसकी मौत हो गई।

सेना में जाने का था सपना

साहिल ने हाल ही में होटल मेनेजमेंट का कोर्स पूरा किया था। अब वो भारतीय सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। साहिल रोजाना सुबह और शाम के समय दौड़ लगाने जता था। उसका सपना था कि वो सेना में भर्ती होकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करे। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

पूरे गांव में पसरा मातम

लोगों का कहना है कि साहिल काफी मिलनसार लड़का था। गांव में हर किसी की मदद करने में वो आगे रहता था। हमेशा हंसते हुए चेहरे के साथ सबसे मिलता-जुलता था। उसकी मौत के बाद पूरे गांव में माहौल गमगीन बना हुआ है।

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