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बिलासपुर: कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर अप्रैल 2023 से दौड़ेंगे वाहन, अंतिम टनल के दोनों छोर मिले

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Bilaspur: Vehicles will run on Kiratpur-Nerchowk fourlane from April 2023, both ends of the last tunnel meet
कीरतपुर नेरचौक फोरलेन : फोटो

बिलासपुर, 07 दिसंबर - किरतपुर-नेरचौक फोरलेन परियोजना के दूसरे फेज की अंतिम और सबसे छोटी टनल के दोनों छोर मंगलवार को मिल गए। इसी के साथ परियोजना की बड़ी बाधा दूर हो गई। अब तीन माह में टनल के सभी कार्य पूरे हो जाएंगे। अप्रैल 2023 से किरतपुर-नेरचौक पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाने की उम्मीद है। 

टनल नंबर दो में अंतिम धमाके के साथ दोनों छोर मिलने के बाद अब मलबा निकालने का कार्य किया जा रहा है। मलबा हटाने के बाद टनल की फिनिशिंग और अन्य शेष कार्यों को पूरा किया जाएगा। फोरलेन की टनल नंबर दो के दोनों छोर मिलने पर मंगलवार दोपहर निर्माण कंपनी के मजदूरों, कर्मचारियों व अधिकारियों ने सादे कार्यक्रम का आयोजन कर खुशी जताई। टनल नंबर दो मेहला से नरली को बवखाल पुल के नजदीक बनाया गया है। 

निर्माण कार्य कर रही गाबर कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि अगले तीन महीनों में नेरचौक तक इस परियोजना को पूरा कर फोरलेन सरकार को सौंप दिया जाएगा। परियोजना के दूसरे फेज में पांच टनलों का निर्माण किया गया है। टनल नंबर एक कैंची मोड़ पर है। इसकी लंबाई 1800 मीटर है। टनल नंबर दो मेहला-नरली में है, इसकी लंबाई 465 मीटर है। टनल नंबर तीन तुन्नु में है, इसकी लंबाई 550 मीटर है। 1,265 मीटर लंबी टनल नंबर नंबर चार टीहरा में है। टनल नंबर पांच भवाणा सुंदरनगर की लंबाई 740 मीटर है। टनल निर्माण का कार्य कर रहे भारत कंस्ट्रक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के उप महाप्रबंधक देव राज वर्मा ने बताया कि टनल नंबर दो मेहला से नरली का कार्य एक साल में पूरा हुआ है। मेहला से नरली की दूरी इससे पहले 20 किलोमीटर थी ,जो अब टनल के निर्माण से मात्र एक किलोमीटर रह जाएगी।

कैंची मोड़ से 22 किलोमीटर दूर होगा बिलासपुर


फोरलेन के बनने से बिलासपुर की दूरी कैंची मोड़ से मात्र 22 किलोमीटर होगी। कुल 47 किलोमीटर के इस फोरलेन में छोटी-बड़ी 5 टनल और 22 मुख्य व 16 छोटे पुलों का निर्माण हो रहा है। इस फोरलेन में 38 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण होना है। इनमें से अब तक 22 मुख्य पुलों में से लगभग 16 तैयार हो चुके हैं। 6 बड़े पुल निर्माणाधीन हैं। 16 छोटे पुलों में से 14 पुल तैयार हो चुके हैं और बाकी दो पुल निर्माणाधीन हैं।

परियोजना के तहत सभी टनलों के ब्रेक थ्रू होने के बाद शेष कार्य पूरा करने में तीन माह का समय लग जाएगा। परियोजना के आठ छोटे-बड़े पुलों का निर्माण प्रगति पर है। अप्रैल 2023 तक फोरलेन के दूसरे फेज को यातायात के लिए तैयार कर दिया जाएगा। कर्नल बीएस चौहान, महाप्रबंधक, गाबर कंपनी

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