हैरानी की बात है कि प्रशासन, परिवहन विभाग और एचआरटीसी की नाक तले बस ऑपरेटर मनमर्जी से शैंशर से कुल्लू रूट पर बस चला रहा था। इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसकी वजह से मुसाफिरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अगर बस अपने निर्धारित रूट न्यूली से कुल्लू के चलती तो हादसा नहीं होता। यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा था।
निजी बस ऑपरेटर मुसाफिरों की जिंदगियों को दांव पर रखकर मंजिल तक पहुंच रहा था, लेकिन उसकी लापरवाही से सोमवार को तेरह लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इसमें मौके पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बता दें कि कुल्लू जिले के रूटों पर कई ऐसी बसें दौड़ रही, जिनके पास अपना रूट नहीं है। निजी ऑपरेटर अपने निर्धारित रूट के स्थान पर दस से पंद्रह किलोमीटर तक बसों को अपनी मनमर्जी से दौड़ा रहे, जिससे हादसे भी लगातार बढ़ रहे हैं।
अब 13 लोगों की जिंदगियों खत्म होने के बाद प्रशासन और परिवहन विभाग जागा है। इस मामले में निजी बस ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई भी करेगा। उधर, परिवहन विभाग कुल्लू के आरटीओ हेमचंद वर्मा ने बताया कि बस का रूट न्यूली से कुल्लू का है, जबकि बस शैंशर से कुल्लू चल रही थी। इसकी जानकारी विभाग को नहीं थी, लेकिन अब मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।