बिलासपुर : एचआरटीसी के कर्मचारियों को अपने हक के लिए हमेशा आंदोलन का रास्ता अपनाना ही पड़ता है वो इसलिए क्योंकि सरकार हमेशा HRTC के कर्मचारियों को ठगने का प्रयास करती है। वहीं, एचआरटीसी के कर्मचारियों के द्वारा लंबे समय से चल रही छठे वेतन आयोग की मांग को लेकर सरकार ने हरी झंडी तो दे दी परंतु जहां पर लिपिकों के बराबर परिचालकों को ग्रेड पे दिया जाता था।
उसे 2400 रूपए से कम करके 1900 रूपए कर दिया। जिसके कारण परिचालकों में भारी रोष है और लगतार प्रदेश के विभिन्न डिपुओं में गेट मीटिंग की जा रही है। जिसमें एचआरटीसी के परिचालकों की एक ही मांग है की परिचालकों का ग्रेड पे लिपिकों के ग्रेड पे के बराबर किया जाए।
हिमाचल पथ परिवहन निगम की बिलासपुर यूनिट के परिचालकों ने मंगलवार से गेट मीटिंग शुरू की है। वहीं पिछले कल बिलासपुर बस अड्डे में गेट मीटिंग की गई। जिसमें एचआरटीसी बिलासपुर डिपो के परिचालक मौजूद रहे।
परिचालकों ने निगम प्रबंधन के रवैये को लेकर नाराजगी जताई है। वेतन विसंगति को दूर करने की मांग की जा रही है। मांग है कि परिचालकों को अन्य विभागों के लिपिकों की तरह वेतन दिया जाना चाहिए।
पदाधिकारियों ने कहा कि 11 जुलाई तक गेट मीटिंग की जाएगी। इससे पहले सरकार ने मांग को पूरा नहीं किया तो मजबूरन ही आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
आपको बता दें की जब कोई वेतन मान लागू किया जाता है तो स्वाभाविक बात है की वेतन में इजाफा होता है परंतु प्रदेश सरकार ने वेतनमान लागू तो कर दिया परंतु परिचालकों का ग्रेड पे कम कर दिया। जिसके कारण एचआरटीसी के हजारों कर्मचारियों में भारी रोष है। अब यह देखने वाली बात होगी की प्रदेश सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेगी।