राजेंद्र राणा ने कहा कि राजनीति जन सेवा का बेहतरीन साधन साबित होता है। राणा ने कहा कि आम आदमी के भरोसे का सबसे ज्यादा खून बीजेपी के राज में हुआ है। बीजेपी ने राजनीति को बाजारू बनाकर रख दिया है। जिसमें उनके वायदे कोरे झांसे साबित हुए हैं।
राणा ने कहा कि झूठ वायदे करके जनादेश ठगना राजनीति की गलत परम्परा है, जिसको बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद लगातार स्थापित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी व महंगाई मौजूदा दौर में आम आदमी का सबसे बड़ा मुद्दा व मसला बना हुआ है। लेकिन खेदजनक यह है कि बीजेपी इस मुद्दे को लगातार नकारती हुई देश और प्रदेश में तानाशाही कायम करना चाह रही है।
राणा ने कहा कि झूठ वायदे करके जनादेश ठगना राजनीति की गलत परम्परा है, जिसको बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद लगातार स्थापित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी व महंगाई मौजूदा दौर में आम आदमी का सबसे बड़ा मुद्दा व मसला बना हुआ है। लेकिन खेदजनक यह है कि बीजेपी इस मुद्दे को लगातार नकारती हुई देश और प्रदेश में तानाशाही कायम करना चाह रही है।
लगातार जनता के हितों को नजरअंदाज करके पूंजीपतियों की पैरवी करने वाली बीजेपी ने राष्ट्रवाद के नाम पर पूंजीवाद कायम करने का काम किया है। प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 14 लाख शिक्षित बेरोजगारों की फौज रोजगार की आस में मारी-मारी फिर रही है। हालांकि हकीकत में बेरोजगारी का आंकड़ा दर्शाए गए सरकारी आंकड़े से दोगुना से ज्यादा है।
बीजेपी ने अमीर और गरीब की खाई को इतना गहरा व चौड़ा कर दिया है कि आने वाले समय में समाज में समानता कायम करने के प्रयासों को एक बड़ी चुनौती के तौर पर देखा व समझा जा रहा है लेकिन गरीबों से मत लेकर सत्ता में आई बीजेपी अमीरों की वकालत व उनके हितों को पोषित करने में लगी है। सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सत्ता के रुआब व दबाव में कुचला जा रहा है। ऐसे में बीजेपी का ध्यान आम आदमी के हितों से लगातार हटा है।
बीजेपी ने अमीर और गरीब की खाई को इतना गहरा व चौड़ा कर दिया है कि आने वाले समय में समाज में समानता कायम करने के प्रयासों को एक बड़ी चुनौती के तौर पर देखा व समझा जा रहा है लेकिन गरीबों से मत लेकर सत्ता में आई बीजेपी अमीरों की वकालत व उनके हितों को पोषित करने में लगी है। सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सत्ता के रुआब व दबाव में कुचला जा रहा है। ऐसे में बीजेपी का ध्यान आम आदमी के हितों से लगातार हटा है।
राणा ने कहा कि आम आदमी के आक्रोश का आलम यह है कि बीजेपी की सत्ता के बावजूद प्रदेश में हुए 4 उपचुनावों में जनता ने सत्ता के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला है और आने वाले समय में अब आक्रोशित जनता बीजेपी का सूपड़ा साफ करके ही दम लेगी, यह निश्चित है। शायद यही कारण है कि बीजेपी का सारा सिस्टम अब अपने-अपने हितों को पोषित करने में जुट चुका है। क्योंकि अब बीजेपी के लोग भी मान चुके हैं कि प्रदेश में बीजेपी जाने वाली और कांग्रेस आने वाली है।