शाहपुर विधानसभा की मनेई पंचायत के डोगरा परिवार का उस समय खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा जब उनका पुत्र जोकि एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन में गया था। वह दिल्ली पहुंचने के बाद सकुशल अपने घर मनेई पहुंचा।
अर्षित डोगरा प्रसिद्ध पशु चिकित्सक विनय डोगरा के पुत्र हैं। अर्षित रूस के यूक्रेन पर हमले के वाद यूक्रेन के शहर कीव में मैडिकल कालेज में फंस गए थे। देर रात 11 बजे अर्शित डोगरा अव घर पंहुच गए है अर्शित डोगरा के घर पंहुचने पर घर वालों व परिवार के सदस्यों ने अर्शित डोगरा का भव्य स्वागत किया।
अर्शित डोगरा ने बताया कि हवाई हमले के दौरान उनके साथ 20 छात्र थे जो कि वूरी तरह से डर गए थे।उन्होने वताया कि जहां पर भारतीय छात्र थे उस जगह पर रूसी सैनिकों द्वारा हमले नहीं किए जा रहे थे यहां तक कि भारतीयों के रहने वाली जगहों को भी निशाना नहीं वनाया जा रहा था।
अर्शित ने वताया कि हमें कीव के रेलवे स्टेशन तक पैदल सफर करने के लिए कहा गया था व वहां से ट्रेन से लविव तक ले जाया गया व लविव से हम प्राईवेट वस करके हंगरी के वार्डर पर पंहुच गए थे। जिसमें भारतीय दूतावास द्वारा पूरा सहयोग मिला व वहां से दूसरे दिन ही हमें भारत वापिस भेज दिया गया।
अर्शित डोगरा ने कहा कि वहां के हालात खराब है जगह जगह पर हमले हो रहे है पर भारतीय जहां पर रह रहे है वहां पर हमले नहीं हो रहे है उन्होंने कहा कि वह घर पहुंचकर आने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे है।अर्शित की माता सोनू डोगरा व पिता विनय डोगरा ने अर्शित के सकुशल घर पंहुचने पर हिमाचल प्रदेश सरकार, भारत सरकार का आभार प्रकट किया।