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बिलासपुर : कोलडैम में स्कूल मुद्दे को लेकर आमरण अनशन का तीसरा दिन, जिला प्रशासन सोया NTPC ने आंखे मूंदी

News Update Media
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कोलडैम परियोजना क्षेत्र में जमथल स्कूल को डिग्रेड किए जाने के बाद क्षेत्र में युवाओं ने अपना आमरण अनशन शुरू कर दिया है। अनशन का आज तीसरा दिन हैं लेकिन अभी भी जिला प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन सोया हुआ है । वहीं, क्षेत्र में लोगों का गुस्सा बड़ने लगा है । हरनोडा पंचायत से बिडिसी सदस्य अशोक कुमार की अगुवाई में यह आमरण अनशन शुरू किया गया है जिसमे जमठल पंचायत के प्रधान शशि ठाकुर सहित अन्य पंचायत सदस्य भी शामिल हैं।  

अशोक कुमार ने बताया की जिला प्रशासन को इसके बारे में एक  पहले सूचित कर दिया गया था और एक सप्ताह का समय दिया गया था लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी कोई करवाई नहीं की गई  जिसके बाद उन्हें मजबूरन आमरण अनशन करना पड़ रहा है। अशोक कुमार ने बताया की कोलडैम परियोजना के लिए बिलासपुर जिला के लोगों ने अपनी सोना उगलती जमीनों को कुर्बान किया है और बदले में उन्हें  सुविधाएं देना तो दूर लेकिन जो सुविधाएं अभी तक दी गई थी वह भी छीनी जा रही हैं। 

उन्होंने स्कूल के बारे में बताया की विस्थापितों और प्रभावितों के बच्चों के लिए जामथल टाउनशिप में डीएवी स्कूल खोला गया था और अभी तक यह मिडल स्तर तक चल रहा था लेकिन हाल ही में एनटीपीसी प्रबंधन ने इस स्कूल को डग्रेड करके प्राइमरी  कर दिया । एनटीपीसी प्रबंधन इसके लिए बच्चे कम होने की बात कर रहा है। अशोक कुमार ने बताया की जमथल स्थित इस स्कूल में 130  बच्चों की संख्या रही है जो की मिडल स्कूल के लिए एक अच्छी संख्या कही जा सकती है।  

लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन अपना खर्च  बचाने के उद्देश्य से इस स्कूल में बच्चों की संख्या कम होने का महज बहाना बना रहा है। जो की किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा।  उन्होंने कहा कि स्कूल के डीग्रेड होने से क्षेत्र के बच्चों को अपनी पढ़ाई के लिए बरमाणा, बिलासपुर अथवा सुंदरनगर के स्कूलों में जाना पड़ेगा जो की यहां से कई किलोमीटर दूर होने के कारण उनके लिए परेशानी   और अविभावकों के लिए चिंता का कारण बनेगा ।  

उन्होंने कहा कि कोलडैम परियोजना लगने के बाद तीन पंचायतों के विस्थापितों और प्रभावितों के बच्चे इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं  होना तो यह चाहिए था   इस स्कूल को अपग्रेड करके हाईस्कूल किया जाता लेकिन स्कूल को डिग्रेड करके विस्थापितों और प्रभावितों की कुर्बानियों और भावनाओ से मजाक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर क्षेत्र के  लोगों का उन्हे भरपूर समर्थन मिल रहा है और यदि एनटीपीसी प्रबंधन और जिला प्रशासन ने जल्द ही समाधान नहीं किया तो इसके परिणामों की जिम्मेवारी उनकी होगी ।

वहीं जमथल पंचायत के उपप्रधान शशि ठाकुर ने कहा की एनटीपीसी को तुरंत अपना तुगलकी फरमान वापिस लेना होगा और स्कूल को यथास्थिति मिडल स्तर तक करना होगा अन्यथा हमारा अनशन उग्र रूप ले लेगा जिसकी जिम्मेवारी एनटीपीसी प्रबंधन की होगी। 
वहीं, जमथल क्षेत्र से महिला मंडल प्रधान सरोज कुमारी ने कहा की स्कूल डिग्रेड होने से क्षेत्रवासियों को भरी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा की एनटीपीसी प्रबंधन क्षेत्र के विस्थापितों और प्रभावितों के साथ अन्याय कर रही है जिसका पूरे जोर से विरोध किया जाएगा।

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