बिलासपुर: सदर के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने अवैध कटान को लेकर राज्य सरकार व वन विभाग पर तीखा हमला बोला है। उनका आरोप है कि जिला बिलासपुर में जंगलों में अवैध कटान का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है और वन विभाग के अधिकारी इससे बेपरवाह हैं। इस कार्य में वन विभाग की ठेकेदारों के साथ मिलीभगत है।
हैरत भरा यह है कि न तो डीएफओ और न ही बीओ द्वारा इस मसले पर एफआईआर दर्ज करवाने की जरूरत नहीं समझी। उन्होंने मुख्यमंत्री से अवैध कटान मामले की न्यायिक जांच करवाए जाने की मांग की है और चेताया भी है कि यदि दो दिन के भीतर इस संदर्भ में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित कर न्यायिक जांच की मांग उठाई जाएगी। यदि फिर भी कुछ नहीं हुआ तो DFO दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे।
सोमवार को सर्किट हाऊस बिलासपुर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बंबर ठाकुर ने कहा कि जिला में घुमारवीं व झंडूता रेंज में अवैध कटान हुआ है और जंगलों में अंधाधुंध ढंग से पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई गई है। जब लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया तो उस ओर से जबाव मिला जंगलों में कोई अवैध कटान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हरलोग क्षेत्र के जंगलों में अवैध कटान हुआ है।
जबकि घुमारवीं के पनौल में बाबा बालकनाथ मंदिर के समीप जंगल में अवैध कटान हुआ है। वहीं, दखेत्तर और कलोल रेंज में मलोट के जंगलों में भी वन माफिया ने हरे भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई है। उन्होंने इस बात पर हैरानी व्यक्त की कि जिला में अंधाधुंध ढंग से जंगलों में पेड़ों का अवैध ढंग से कटान किया जा रहा है और वन विभाग इस संदर्भ में एफआईआर तक दर्ज करवाने की जहमत नहीं उठा रहा। इससे सवाल उठता है कि विभाग की ठेकेदारों के साथ मिलीभगत है जिसकी वजह से इस गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा है।
बंबर ठाकुर के अनुसार पुख्ता सूत्रों से पता चला है कि वनमंत्री का भी विभाग पर दबाव है और हर महीने मंत्री का कोई खासमखास बिलासपुर आता है और ठेकेदारों को विभागीय कार्यालय में बुलाकर चंदा एकत्रित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वनमंत्री तो सदन में भी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। सदन की अपनी एक गरिमा होती है और वहां पर असभ्य भाषा का प्रयोग करने का किसी को अधिकार नहीं ।
लेकिन इस बार के बजट सत्र में वनमंत्री ने अपनी सारी हदें पार कर दी जिसे प्रदेश के लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के माध्यम से साक्षात देखा है। उन्होंने यह भी कहा कि एम्स के पास भी पेड़ कटे थे लेकिन उनकी अरसे तक ऑक्सन तक नहीं की गई। एम्स परिसर में पेड़ों के लाखों रूपए की लागत के झुंडों के झुंड पड़े थे जिन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा फोन करके वन विभाग को निर्देश दिए गए कि उनके खासमखास एक ठेकेदार को दे दिया जाए।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वनमंत्री को बर्खास्त कर जिला बिलासपुर के जंगलों में हुए अवैध कटान मामले पर संज्ञान लेते हुए इसकी न्यायिक जांच करवाई जाए। अवैध कटान मामले में कार्रवाई के लिए बंबर ठाकुर ने सरकार व विभाग को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है और यदि इस अवधि में कोई कार्रवाई नहीं की गई। तो इस संदर्भ में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा और फिर भी कार्रवाई नहीं की जाती है तो डीएफओ दफ्तर के बाहर धरना दिया जाएगा।