बिलासपुर :अगर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की मांग ओपीएस के मुददे पर 15 दिनों के भीतर कोई निर्णय नहीं लिया तो प्रदेश भर में आंदोलन होगा जिसमें पहले सत्ता पक्ष और फिर विपक्ष के विधायकों का घेराव किया जाएगा। यह बात एचपीएचपी यानि हमारी पार्टी हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डा. राजन सुशांत ने बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक सरकार एनपीएस के काले कानून को वापिस नहीं लेती तथा ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि आज उनका यह आंदोलन 316 वें दिन में प्रवेश कर गया है। अब इस मुददे पर पूरे प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा हे।
वह पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे है। उन्होंने कहा कि जहां पर यह आंदोलन चल रहा है । वहां से उनका घर महज दस किलोमीटर दूर है। लेकिन वह घर भी तब तक नहीं जाएंगे । तब तक ओपीएस लागू नहीं होती। वहीं दूसरे मुददे पर चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले चुनावों के मुददे पर अब चार संगठन एक साथ हो गए है। जो हिमाचल में एक सशक्त विकल्प बनेगा।
जिसमें एचपीएचपी , जनक्रांति पार्टी , अखिल भारतीय हिंदु महासभा व नव भारत एकता दल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश व देश में रिटायर्ड कर्मचारियों का जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि ओपीएस के मुददे पर भाजपा कांग्रेस एक दूसरे पर राजनीति करने का डरामा कर रहे है। वहीं इस मुददे पर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष भी झूठ बोल रहे है। जब हिमाचल प्रदेश में एनपीएस का काला कानून लागू किया गया । उस समय केंद्र में एनडीए सरकार थी व प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सरकार थी।
उस समय इस कानून में वर्ष 2006 में 2003 से लागू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को तोड मरोडकर लागू कर रही है । वहीं पहली बार पुलिस कर्मचारियों को भी वेतनमान को लेकर सरकार के सामने आना पडा। उन्होंने सरकार से पुलिस कर्मचारियों के लिए पांच वर्ष की शर्त को हटाने की मांग की।