प्रदेश महासचिव डाॅ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार से बार-बार पिछले 1 महीने से आग्रह करने के बाद और निजी तौर पर मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपने के बाद भी सरकार चिकित्सकों के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
वेतन विसंगतियों के लिए जब सरकार ने 5 प्रदेश के अन्य कर्मचारी संघों को बैठक के लिए बुलाया तब भी प्रदेश के सभी चिकित्सक संघों को दरकिनार किया गया। सभी चिकित्सकों ने एकमत से फैसला लिया कि अगर इस दौरान भी सरकार उचित मांगों की तरफ ध्यान नहीं देती है तो इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा और संपूर्ण हड़ताल की जाएगी।