मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश निवासी प्रवासी श्रमिक परिवार जिला के 1 गांव में झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहा है. जिसमे दंपति और उनके एक बेटी बेटा भी साथ रह रहे हैं. 17 जनवरी की रात पूरे परिवार ने खाना खाया और इसी बीच 6 साल की बच्ची अपनी झुग्गी से बाहर निकल गई. जब काफी देर तक वह वापस न लौटी तो उसके पिता ने उसकी खोजबीन शुरू की. लेकिन वह भी उसे ढूंढने में असमर्थ रहा।
काफी देर बाद जब बच्ची खुद ही अपनी झोपड़ी में वापस आई तो उसके कपड़ों पर खून लगा हुआ था. जब परिजनों ने बच्ची से सारी बात पूछी तो बच्ची ने रिश्ते में मामा लगते आरोपी करतूत अपने माता पिता को बता दी. उसी समय पीड़िता के माता-पिता ने आरोपी को धर दबोचा और उससे पूछताछ की लेकिन वह कुछ नहीं बोला. सुबह होने पर आरोपी मौके से भाग चुका था।
पीड़ित परिवार ने भी फौरन अपने गांव जाकर मामले की सूचना पुलिस को देने की ठानी. लेकिन जब वे उत्तर प्रदेश स्थित अपने घर पहुंचे तो वहां पुलिस ने उन्हें इस घटना की जानकारी उसी स्थान पर पुलिस को देने और एफआईआर दर्ज करवाने के बारे में बताया जहां यह घटना हुई है. जिसके बाद पीड़ित परिवार फौरन वापस हिमाचल की तरफ भागा।
वहीं रविवार को वापस पहुंच उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया. एडिशनल एसपी प्रवीण कुमार धीमान ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने घटना के संबंध में केस दर्ज कर लिया है आरोपी की धरपकड़ के लिए अभियान छेड़ा जा रहा है. जल्द ही आरोपी को सलाखों के पीछे धकेला जाएगा