उन्होंने बताया कि गौसदनों की देख-रेख के साथ ही पशुओं के स्वास्थ्य, चारे आदि की व्यवस्था को जांचते हुए उनका निराकरण करने के लिए सम्भावनाएं तलाशी जा रही है।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या की समस्या से निजात दिलाने के लिए गौसदनों का विस्तार करने की योजना बनाई जा रही है जिसके लिए भूमि का चयन भी किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा बेसहारा पशुओं को इन गौसदनों में आश्रय दिया जा सके।
उन्होंने बताया कि इन सभी समस्याओं के निदान के लिए गौ सदन प्रबंधन के साथ-साथ स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों व संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
इससे पूर्व एमसी क्षेत्र व चांदपुर के गौ सदनों का निरीक्षण भी किया गया है।