शिमला : कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर आरोप लगाया है कि वह सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रहे है। सरकारी धन को पानी की तरह बहा रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि वह सार्वजनिक तौर पर बताए मंडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली पर सरकार ने कितना खर्च किया और भाजपा ने अपना कितना पैसा इस रैली में लगाया।
कुलदीप सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि आज जिस प्रकार से भाजपा प्रदेश के संसाधनों, सरकारी तंत्र और सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर रही है, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पर बढ़ता कर्ज आज इस बात को साफ इंगित करता है कि सरकार की फिजूलखर्ची के चलते प्रदेश में आय के साधन उत्पन्न करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। डबल इंजन का दावा करने वाली जयराम सरकार को केंद्र से एक पैसे की भी कोई विशेष मदद नहीं मिल रही है।
राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से प्रदेश के लोग पूरी तरह निराश है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश को कोई सौगात नहीं दी। उन्होंने केवल उन योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया जो पूर्व कांग्रेस सरकार की योजनाएं थी।
राठौर ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह अपनी विफलताओं व अकुशलता को छिपाने के लिए लोगों को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रहें है। उन्होंने कहा कि हॉल ही के चार उप चुनावों में मिली भाजपा को करारी हार के बाद मुख्यमंत्री सहित भाजपा के नेता पूरी तरह सदमें में है।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने सरकार के उस दावे को भी पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने प्रदेश को पूरी तरह धुंआ मुक्त करने और उज्ज्वला ग्रहणी योजना का लक्ष्य हासिल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि आज एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम इतने बढ़ गए हैं कि अब इसकी खरीद करना आम लोगों के बस से बाहर हो रही है। जबकि गरीब लोग अब फिर से लकड़ियां व चूल्हा जलाने पर मजबूर होते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय एक सिलेंडर की कीमत 350 रुपये के आस-पास होती थी, तो भाजपा के नेता आए दिनों हाय तौबा करते थे। आज जब इसकी कीमत एक हजार हो गई है, तो इसकी जुबान नहीं खुल रही। उन्होंने कहा कि महंगाई के नाम पर मगरमच्छी आंसू बहाने वाली भाजपा देश के लोगों को गुमराह करती आई है। लोगों ने अब इसे सत्ता से बाहर करने का पूरा मन बना लिया है। इसकी शुरुआत प्रदेश के चार उप चुनावों से शुरू हो गई है।