इसी विषय पर आम आदमी राज्य प्रवक्ता राजीव अंबिया आम आदमी पार्टी अंबिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने हिमाचल के भोलेभाले लोगों के साथ अपने शब्दों का मायाजाल बुनकर धोखा किया है। उन्होने अपने शब्दों में कहा है कि हर महीने 60 यूनिट बिजली खपत करने वालों को बिजली फ्री दी जाएगी, जबकि आज के समय में मात्र 60 यूनिट की खपत करने वाला घर बिरला ही होगा। अगर आप उससे ज्यादा खपत करते है उनको शून्य से लेकर पहले 125 यूनिट की खपत करने पर 1 रुपया प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा।
उससे ज्यादा की खपत जो कि 126 यूनिट से 300 यूनिट की खपत होगी उस पर प्रति यूनिट खर्च 3.95 रुपए और 300 यूनिट से ज्यादा खपत पर 5 रुपए प्रति यूनिट भुगतान करना होगा। प्रदेश प्रवक्ता ने सीधे शब्दों में यह पूछा है जो आंकड़े दिये गए हैं उनमें कितनी सच्चाई है ? पूर्ण हिमाचल में कुल कितने घर है जो सिर्फ और सिर्फ 60 यूनिट ही खपत करती है। अपने वक्त्व्य में शब्दों का मायाजाल बुनकर मुख्यमंत्री जयराम ने सूबे के भोलेभाले लोगों को प्यार से ठग लिया।
उससे ज्यादा की खपत जो कि 126 यूनिट से 300 यूनिट की खपत होगी उस पर प्रति यूनिट खर्च 3.95 रुपए और 300 यूनिट से ज्यादा खपत पर 5 रुपए प्रति यूनिट भुगतान करना होगा। प्रदेश प्रवक्ता ने सीधे शब्दों में यह पूछा है जो आंकड़े दिये गए हैं उनमें कितनी सच्चाई है ? पूर्ण हिमाचल में कुल कितने घर है जो सिर्फ और सिर्फ 60 यूनिट ही खपत करती है। अपने वक्त्व्य में शब्दों का मायाजाल बुनकर मुख्यमंत्री जयराम ने सूबे के भोलेभाले लोगों को प्यार से ठग लिया।
ज्ञात रहे कि हिमचाल प्रदेश एक सबसे बड़ा बिजली उत्पादक राज्य से जाना जाता है और साथ ही यह भी कि जितने भी बिजली के प्रोजेक्ट सूबे में लगाए गए हैं वे आमजन कि जमीन को लेकर बनाए गए थे व हजारों लाखों कि संख्या में लोगों को विस्थापित कर बनाए गए थे। जो कि आज भी पुनर्वसन कि राह आज भी ताक रहे हैं। आखिर कब तक यूं ही राज्य सरकार आमजन से धोखा करती रहेगी। हिमाचल में बनने वाली बिजली हिमाचल से ही लेकर दूसरे राज्यों में सस्ती व फ्री भी दे रहे जबकि सूबे के लोगों को उन्हीं के अधिकारों से वंचित रखा गया हैं।
हिमाचल प्रदेश की बिजली के मामले में ही अन्य राज्यों से हजारों करोड़ों रुपए कि लेनदारी अभी बकाया है उस पर कार्यवाही न कर सूबे कि सरकार सूबे के लोगों पर ही भारी भरकम बिलों से लाद रही है। जबकि लोगों से जमीन लेकर बांध बनाने व बिजली तैयार करने को 3 प्रतिशत रॉयल्टी जो हिमाचल सरकार को फ्री बिजली के रूप में अदा करनी थी उसकी दरकिनार कर सूबे की जनता को तरह-तरह से शब्दों के मायाजाल बुन ठगा जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश की बिजली के मामले में ही अन्य राज्यों से हजारों करोड़ों रुपए कि लेनदारी अभी बकाया है उस पर कार्यवाही न कर सूबे कि सरकार सूबे के लोगों पर ही भारी भरकम बिलों से लाद रही है। जबकि लोगों से जमीन लेकर बांध बनाने व बिजली तैयार करने को 3 प्रतिशत रॉयल्टी जो हिमाचल सरकार को फ्री बिजली के रूप में अदा करनी थी उसकी दरकिनार कर सूबे की जनता को तरह-तरह से शब्दों के मायाजाल बुन ठगा जा रहा है।
दूसरी तरफ हिमाचल सरकार इस तरह का फ्री बिजली का झांसा देकर सूबे के लोगों को दिल्ली मॉडल जो कि आम आदमी पार्टी द्वारा बनाया गया है कि कॉपी कर भोलेवाले लोगों के साथ राजनीतिक षड्यंत्र कर रही है जबकि वास्तविक जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
प्रदेश प्रवक्ता ने सीधे प्रश्नों मे यह पूछा है कि दिल्ली सरकार अगर बाहरी राज्य से बिजली खरीद कर दिल्ली में 300 यूनिट तक फ्री दे सकती है तो हिमाचल क्यों नहीं ? जबकि सूबे के लोगों की जमीन पर बांधों की बिजली पर प्रथम अधिकार सूबे के लोगों का है और उन्ही को मंहगी बिजली दी जा रही है ।
प्रदेश प्रवक्ता ने सीधे प्रश्नों मे यह पूछा है कि दिल्ली सरकार अगर बाहरी राज्य से बिजली खरीद कर दिल्ली में 300 यूनिट तक फ्री दे सकती है तो हिमाचल क्यों नहीं ? जबकि सूबे के लोगों की जमीन पर बांधों की बिजली पर प्रथम अधिकार सूबे के लोगों का है और उन्ही को मंहगी बिजली दी जा रही है ।
आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता सूबे के आमजन से अपील करता है कि मौजूदा सरकार की इन चिकनी चुपड़ी बातों में न आए व साथ ही यह भी आश्वस्त करती है आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश आमजन के अधिकारों को पूर्ण रूप से सुरक्षित करेगी।