27 नवंबर को हुई जेसीसी बैठक के फैसलों को लागू होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। उम्मीद है इनमें से अधिकतर को इसी महीने लागू कर दिया जाएगा। कार्मिक विभाग ने इसके मिनट्स बना लिए हैं, ये अब मुख्य सचिव से होते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय तक जाएंगे।
बता दें कि जेसीसी के लिए अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के एजेंडा में 62 आइटम थीं। इनमें से करीब 10 मांगों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना ऐलान कर दिया था, लेकिन बाकी मांगों पर क्या फैसला हुआ है, ये मिनट्स ही बताएंगे। काॢमक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि इसी सप्ताह मिनट्स फाइनल हो जाएंगे। ये मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे। इसके बाद फिर इन्हें जारी किया जाएगा। इसके बाद संबंधित विभाग अपने-अपने फैसलों को कैबिनेट में ले जाएंगे और अधिसूचना जारी करेंगे।
इसी महीने नए पे-कमीशन पर फैसला होना है। इसकी वजह यह है कि नए पे-रूल्स अप्रूव होने के बाद ही पहली जनवरी से इन्हें लागू किया जाएगा। फरवरी में मिलनी वाली सैलरी नए पे-कमीशन के अनुसार होगी। इसी तरह अनुबंध अवधि को बैक डेट से लागू करने का फैसला भी होना है। 30 सितंबर, 2021 से तीन साल के बजाय दो साल पूरा करने वाले कर्मचारियों को रेगुलर किया जाना है। इसी से संबंधित एक और मामला जेओए को क्लर्क के समकक्ष वेतनमान देना है, ताकि इनकी विसंगति को दूर किया जा सके।
वहीं सेवा के दौरान दिवंगत या अपंग हुए एनपीएस कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने की अधिसूचना का भी इंतजार है। इजेसीसी में दिहाड़ीदारों और अंशकालीन जलवाहकों के लिए भी एक साल की अवधि कम की गई है। इस कारण जलवाहकों का नियमितीकरण रुका हुआ है। मेडिकल रिइम्बर्समेंट के लिए 10 करोड़ और सरकारी आवासों की मरम्मत के लिए 100 करोड़ राशि भी तभी जारी हो पाएगी, जब इस बारे में आदेश होंगे।
आगामी बजट में शामिल हो सकती हैं कुछ मांगें
जो मांगें इस बार अधिसूचना के जरिए लागू नहीं हो पाएंगी, उनमें से कुछ को फरवरी-मार्च के बजट सत्र में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के बजट भाषण के माध्यम से भी यह घोषणाएं हो सकती हैं। इस बारे में विभागीय स्तर पर होने वाली बैठकों में सब कुछ तय होगा। राज्य सरकार को हर साल नए वेतन आयोग पर छह हजार करोड़ अतिरिक्त देने हैं। यही कारण है कि सरकार के अगले बजट में जेसीसी की कई मांगें दिखेंगी।