Bilaspur :8 वर्ष बाद मिले सुरंग के दोनों छोर , कीरतपुर - नेरचौक फोरलेन की है यह सबसे लंबी सुरंग

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स्वारघाट : तमाम उठापटक के बाद आखिरकार कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन की पहली टनल कैंचीमोड़-मेहला के दोनों किनारों को 8 वर्ष बाद आपस में मिलाने में कंपनी को सफलता हासिल हो गई। हालांकि कंपनी को इस सुरंग बनाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन मंगलवार को सुरंग के दूसरे छोर से रोशनी की लौ दिखते ही मजदूरों में खुशी की लहर दौड़ गई। 

टनल बना रही भारत कंसट्रक्शन कंपनी द्वारा दोनों किनारों को जोड़ने के लिए कंपनी के एमडी रणवीर पंवार ने बटन दबा कर ब्लास्ट किया और दोनों किनारे आपस में जुड़ गए।

बता दें कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन की यह प्रथम टनल है, जिसकी लंबाई करीब 1800 मीटर है इसका निर्माण कार्य 2014 में आईटीएनएल कंपनी द्वारा शुरू किया गया था लेकिन काफी समय तक उक्त टनल का कार्य बंद भी रहा। 


बाद में गावर कंपनी से आगे सबलैट पर काम कर रही कंपनी द्वारा इस टनल का कार्य लगभग 2 वर्ष पूर्व शुरू किया गया था, जिसके बाद अब कम्पनी को सफलता हासिल हुई है।

कंपनी के प्रोजैक्ट मैनेजर राजेश नायर ने बताया कि टनल नंबर 2, 4 व 5 का कार्य भी उन्हीं के पास है जो आगामी अप्रैल माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन में कुल 5 टनल बनाई जानी हैं, जिनमें 1800 मीटर लंबी कैंचीमोड़-मेहला टनल पहली और सबसे लंबी टनल है, जिसके दोनो छोर अब आपस में मिल गए हैं।

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