ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चिंता जाहिर की है. नए वेरिएंट सामने आने के बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को लेकर सतर्क हो गए हैं. दक्षिण अफ्रीका की यात्रा कर लौटे यात्रियों को एयरपोर्ट पर उतरते ही क्वारंटाइन किया जा रहा है.
ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (एनआईसीडी) की तरफ से बताया गया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट वायरस अगर आपके शरीर में आता है तो इसके कुछ विशेष लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं. एनआईसीडी के अनुसार यह भी कहा गया है कि डेल्टा की तरह ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए कुछ लोग भी एसिम्टोमेटिक थे. ऐसे में एनआईसीडी ने माना कि ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति में कोई अलग तरह के लक्षण दिखाई नहीं दिए थे.
टेस्ट कराना होगा जरुरी
वायरस की जांच को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने बयान में बताया है कि मौजूदा समय में SARS-CoV-2 PCR इस वेरिएंट को पकड़ने में सक्षम है. नए वेरिएंट को देखते हुए भारत के साथ-साथ कई अन्य देश भी सतर्क हो गए हैं. बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को क्वारंटाइन में रहना होगा और टेस्ट कराना होगा.
दक्षिण अफ्रीका में पहला मामला
बता दें कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि 24 नवंबर 2021 को हुई थी. इस वायरस के सबसे पहले मरीज की पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई थी. कई देश ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में दक्षिण अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
दक्षिण अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलिक कोएत्जी ने कहा कि उन्होंने पिछले 10 दिनों में लगभग 30 मरीजों को देखा है, जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, मगर उन सभी में कुछ अपरिचित यानी अलग तरह के लक्षण दिखे थे. उन्होंने कहा कि युवा मरीजों के लिए यह असामान्य था.
उन्होंने आगे बताया कि ज्यादातरर रोगियों की उम्र 40 साल से कम थी और उनमें से आधे से कम लोगों को ही वैक्सीन लग चुकी थी. उन्होंने कहा कि उन्हें हल्की मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और सूखी खांसी भी थी. केवल कुछ का तापमान थोड़ा अधिक था. ये बहुत ही हल्के लक्षण थे, जो कि उन वेरिएंटेस से काफी अलग थे, जिनके संक्रमण से शरीर में अधिक गंभीर लक्षण नजर आते हैं.