ससुर मेहर चंद और जेठ संजय कुमार ने बताया कि आरोपी महिला के कारण न सिर्फ उसका पति आत्महत्या करने को मजबूर हुआ, बल्कि उसकी वजह से कई लोगों की जिंदगियां भी बर्बाद हुई हैं। उनका कहना है कि महिला ने अपनी ड्यूटी ढंग से नहीं की और समय पर लोगों के कॉल लेटर, प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रियां, पोस्ट, रसीद आदि उन तक नहीं पहुंच पाए।
महिला के पास से हजारों जरूरी कागजात मिले हैं, जो लोगों तक समय से नहीं पहुंच पाए हैं। वह 2014 से लेकर अब तक 14 स्टेशन बदल चुकी थी। इनमें नबाही, चोलथरा, रखोह, सरकाघाट, बेहना, बलद्वाड़ा, गोपालपुर, नरोला आदि जगहों पर यह तैनात हो चुकी थी। महिला के घर से मिले कई दस्तावेज तो खराब हो चुके हैं। सरकाघाट डाकघर के निरीक्षक आशीष कुमार ने कहा कि महिला कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है, जो डाक के दस्तावेज उसने अपने पास जमा कर रखे थे, उनकी जिम्मेदारी उसी कर्मचारी की है।
महिला के पास से हजारों जरूरी कागजात मिले हैं, जो लोगों तक समय से नहीं पहुंच पाए हैं। वह 2014 से लेकर अब तक 14 स्टेशन बदल चुकी थी। इनमें नबाही, चोलथरा, रखोह, सरकाघाट, बेहना, बलद्वाड़ा, गोपालपुर, नरोला आदि जगहों पर यह तैनात हो चुकी थी। महिला के घर से मिले कई दस्तावेज तो खराब हो चुके हैं। सरकाघाट डाकघर के निरीक्षक आशीष कुमार ने कहा कि महिला कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है, जो डाक के दस्तावेज उसने अपने पास जमा कर रखे थे, उनकी जिम्मेदारी उसी कर्मचारी की है।
लेकिन हम सभी दस्तावेज लोगों तक पहुंचाएंगे। एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि मृतक के परिजन उनसे मिलने पहुंचे थे, जिन्हें मुख्य डाकपाल के पास भेजा गया था। यदि डाक विभाग को महिला के कार्य में किसी तरह की जांच चाहिए तो वह पुलिस की मदद ले सकता है। फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या का मामला ही दर्ज किया है। जिसकी जांच चल रही है।