रिकॉर्ड के अध्ययन में पता चला है कि साल 2018 में जहां विभिन्न तरह के 195 और 2019 में 166 मामले दर्ज हुए थे, वहीं साल 2020 में यह बढ़कर 394 हो गए। इन मामलों में चोरी से लेकर गंभीर घायल करने, दुष्कर्म, धोखाधड़ी और अन्य तरह के अपराध शामिल हैं।
यह तब है, जब वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस के आला अधिकारी विशेष अभियान और विशेष तवज्जो देने की बात कहते रहे हैं।
इसके अलावा अनुसूचित जाति वर्ग के साथ होने वाले अपराध के मामलों में भी इजाफा हुआ है। साल 2018 की तुलना में साल 2020 में 121 मामले ज्यादा दर्ज किए गए हैं। 2018 में 130 जबकि 2019 में 189 मामले दर्ज हुए थे।